सैदपुर : दो सेकेंड के अंतर से बच गई गर्भवती महिला व एएनएम की जान, नगर के महिला अस्पताल के जर्जर छत का गिरा प्लास्टर
सैदपुर। नगर के मुख्य बाजार स्थित पूरे क्षेत्र के एकमात्र सरकारी महिला अस्पताल का जर्जर भवन अब कभी भी जानलेवा हो सकता है। लेकिन इस दिशा में न तो विभाग की नजर है और न ही किसी भी जनप्रतिनिधि की। जिसके चलते बुधवार की सुबह-सुबह बड़ा हादसा होने से बाल-बाल बच गया। भवन के जर्जर हो चुके छत का प्लास्टर उखड़कर सीधे नीचे गिर पड़ा। जिस समय ये हादसा हुआ, उसके दो सेकेंड पहले तक उसी छत के नीचे जांच कराने आई गर्भवती महिला व अस्पताल की एएनएम मौजूद थीं। एएनएम विद्या यादव ने बताया कि सुबह में एक गर्भवती महिला उनके कक्ष पर आई और उन्हें अपनी समस्या बताने लगी। जिस पर एएनएम ने कहा कि अस्पताल के कक्ष में चलो, वहीं जांच कर लेंगे। ये कहकर जैसे ही वो दोनों दो कदम आगे बढ़ी होंगी कि तभी जर्जर हो चुके छत का प्लास्टर उखड़कर वहीं गिर पड़ा, जहां वो दोनों खड़े थे। गिरने के बाद प्लास्टर छिटककर उनको लगा भी। ये देखते ही दोनों लोगों सहित महिला के परिजनों के होश उड़ गए और ये सोचकर डर गए कि अगर ये प्लास्टर उनके सिर पर गिरा होता तो क्या होता। इधर घटना के बाद वहां से लोग हट बढ़ गए। इसके बाद एएनएम विवश होकर पुनः उस कक्ष में जाकर स्टाफ नर्स पूजा सिंह व उर्मिला यादव के साथ काम करने लगीं। बताया कि ये पूरे नगर की महिलाओं के लिए एकमात्र केंद्र है। ऐसे में अगर यहां हम काम नहीं करेंगे तो कैसे काम चलेगा। कहा कि भवन जर्जर हो चुका है और इसे पूरी तरह से जमींदोज कराकर नया भवन बनाना चाहिए, अन्यथा कभी बड़ा हादसा हो सकता है। बताया कि यहां पर मौजूद लगभग हर एक कक्ष में बरसात का पानी टपकता है। इसी कक्ष के बगल में मौजूद दो कमरे की पूरी छत की ध्वस्त हो गई है। इस बाबत सीएचसी के अधीक्षक डॉ. संजीव सिंह ने कहा कि अधिकारियों को जर्जर भवन के बाबत रिपोर्ट भेजी जा चुकी है और जल्द ही कार्य शुरू कराया जाएगा।