सैदपुर : तहसील के सभी पटलों का जिलाधिकारी ने किया निरीक्षण, आमजन से पूछकर लिया फीडबैक, तालाबंदी देख हुई नाराज





सैदपुर। नगर स्थित तहसील का मुआयना जिलाधिकारी आर्यका अखौरी ने किया। तहसील में पहुंचने के बाद सबसे पहले वो एसडीएम कार्यालय में पहुंचीं, जहां उन्हें पता चला कि आज सुबह में ही कक्ष में आग लग जाने से स्थिति खराब हो गई है। जिसके बाद वहां आवश्यक दिशा निर्देश देकर बाहर निकलीं तो बाहर एक फरियादी अपनी फरियाद सुनाने लगी। वहां से वो निकलकर सीधे तहसीलदार देवेंद्र यादव के कक्ष के बाहर पहुंचीं। वहां पेयजल के लिए नल देखा तो उसे चलवाकर देखा। हाथ लगाकर देखा तो ठंडा पानी मिला तो कहा कि ये कब लगाया गया। इसके बाद वहां बाहर एक बेंच लगवाने को कहा, जिस पर लोग बैठ सकें। वहां से अंदर कक्ष में जाकर तहसील के सभी पटलों के आवश्यक दस्तावेजों को मंगवाकर उनका वहीं अवलोकन किया। एक-एक करके सभी विभाग के कर्मियों व अधिकारियों को बुलाकर दस्तावेजों व अभिलेखों से संबंधित सवाल किए और कहीं कुछ कमियां मिलने पर नाराजगी जताते हुए आवश्यक दिशा निर्देश दिया। निरीक्षण के दौरान कुछ दस्तावेजों का रखरखाव ठीक नहीं मिला तो तहसीलदार देवेंद्र यादव को आवश्यक निर्देश दिया। वहां से वो तहसीलदार कोर्ट में पहुंचीं और वहां भी पत्रावलियां व अभिलेख जांचे। वहां उन्होंने तहसीलदार से पूछा कि 1 अप्रैल 2024 के पूर्व के कितने केस हैं? इसके बाद कृषि बही आदि भी मंगवाया। वहां से वो बाहर निकलीं तो उनके आने की सूचना पाकर काफी देर से इंतजार कर रहे फरियादियों ने उन्हें रोक लिया और अपनी फरियाद सुनाई। एक महिला ने घर तक रास्ता न जाने की समस्या सुनाई तो डीएम ने उन्हें निस्तारित कराने का निर्देश दिया। वहां से भूलेख पटल पर पहुंचीं। वहां अंदर कार्यालय में जाकर कर्मियों से आवश्यक पूछताछ की और स्थिति जांची। इसके बाद वहां से बाहर निकलकर वहां मौजूद फरियादियों से पूछा कि उनसे कर्मियों द्वारा खतौनी की नकल देने के लिए कितने रूपए मांगे जाते हैं। जिस पर सभी ने 15 रूपए बताया। डीएम ने कहा कि 15 रूपए से कोई ज्यादा तो नहीं मांगता है? वहां से वो तीनों नायब तहसीलदारों के कोर्ट में बारी-बारी पहुंचीं और दस्तावेजों का निरीक्षण किया। इसके बाद एसडीएम कोर्ट में पहुंचीं और वहां भी आवश्यक दस्तावेजों का निरीक्षण कर निर्देश दिया। इसके बाद शौचालय का निरीक्षण किया। फिर रिकार्ड रूम में जाकर वहां की स्थिति देखी और आवश्यक पूछताछ की। वहां से वो दूसरे तल पर मौजूद राजस्व कानूनगो दफ्तर में पहुंचीं और वहां कार्यालय में आवश्यक पूछताछ की और दिशानिर्देश दिया। वहां से दूसरे तल पर मौजूद रिकार्ड रूम का निरीक्षण करने गईं और शौचालय का निरीक्षण कर सफाई का निर्देश दिया। वहां से वो आपूर्ति निरीक्षक कार्यालय में पहुंचे और वहां उसके बाहर मौजूद महिला शौचालय पर ताला बंद देख नाराजगी जताई। कहा कि यहां पर कई महिला लेखपाल हैं, एक नायब तहसीलदार महिला हैं तो यहां ताला बंद क्यों है? जिसके बाद चाबी मंगवाकर ताला खोला गया। उसके सामने मौजूद कानूनगो कक्ष पर ताला लगा देख कहा कि तहसील खुलने के बावजूद ये बंद क्यों है, जिसके कुछ देर बाद चाबी आई, तब जाकर वो खुला तो डीएम ने अंदर निरीक्षण किया। वहां से उतरीं तो रास्ते में एक फरियादी आया और उसने एक आवेदन पत्र देकर किसी लेखपाल की मनमानी की शिकायत की। जिस पर डीएम ने कहा कि किसी तरह की समस्या हो तो चैनलबद्ध तरीके से शिकायत की बात कही। इसके बाद उन्होंने एसडीएम कोर्ट के पास पानी की निकासी के लिए पाइप लगवाने को कहा। इसके बाद रवाना हो गईं। पूछने पर डीएम ने बताया कि निरीक्षण के दौरान संग्रह पटल, नजारत पटल, भूलेख पटल आदि की पत्रावलियों का रखरखाव देखा गया। कुछ पत्रावलियां ठीक न मिलने पर तहसीलदार को निर्देश दिया गया है। बताया कि निरीक्षण के दौरान वादों के निस्तारण में बंटवारे के मुकदमों व धारा 24 के तहत आए मामलों को पैमाइश के बाद निस्तारित कराने का निर्देश दिया गया है। किसी पर कोई कार्रवाई किए जाने के सवाल पर कहा कि सभी को आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया है, अगर अनुपालन में ढिलाई होगी तो कार्रवाई की जाएगी। वहां से वो उपनिबंधन कार्यालय के लिए निकलीं लेकिन किन्हीं कारणों से वो वहां का निरीक्षण करने नहीं जा सकीं और जिला मुख्यालय रवाना हो गईं। इस मौके पर एसडीएम रवीश गुप्ता, तहसीलदार देवेंद्र यादव, नायब तहसीलदार विजयकांत पांडेय, नायब तहसीलदार मीना गोंड सभी पटल के कर्मी मौजूद रहे।



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