अबकी बार खानपुर क्षेत्र में जलेगी ईको फ्रेंडली होलिका, समिति पदाधिकारियों ने बनाई ये रणनीति





खानपुर। होलिका दहन में पर्यावरण संरक्षण संवर्धन के लिए इस बार लकड़ी की बजाय गो-काष्ठ का प्रयोग करने के लिए सामूहिक संकल्प लिया गया। सिधौना स्थित होलिका दहन स्थल पर सिद्धनाथ धाम समिति के पदाधिकारियों ने सभी ग्रामवासियों से गोबर के कंडों, कपूर, देशी घी, लौंग, आम, बेल, चंदन की लकड़ी, इलायची से वैदिक होलिका दहन करने की अपील की। होलिका दहन को लेकर सभी गांवों में समिति के सदस्य अभियान चलाकर लोगों को जागरूक करेंगे। कृष्णानंद सिंह ने बताया कि पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिए सभी गांवों के रामलीला एवं युवक मंगल दल सहित अन्य सामाजिक समितियों से पर्यावरण संरक्षित एवं गोबर कंडों से होलिका दहन करने का अनुरोध किया जा रहा है। गांव के गोबर बिक्री केंद्रों व डेयरी संचालकों से गोबर के उपलों की खरीदारी करने की व्यवस्था बनाई गई है। शिवाजी मिश्रा ने बताया कि वैदिक होलिका दहन से पेड़ों को कटने से रोका जा सकेगा, जिससे पेड़ों की रक्षा होगी। साथ ही गोवंश सहित अन्य पशुओं की सुरक्षा होगी। वैदिक होलिका से वायु प्रदूषण भी रूकेगा और प्रकृति एवं पर्यावरण सुद्ध रहेगा। गोवंशीय गोबर के उपलों से होलिका दहन करने पर भरपूर मात्रा में आक्सीजन उत्पन्न होता है। कंडों के जलने के बाद निकलने वालों धुंआ से हवा का शुद्धिकरण होता है। ज्यादातर स्थानों में दूषित लकड़ी एवं टायर ट्यूब, पॉलीथिन, प्लास्टिक आदि होलिका दहन में डाला जाता है, जिससे पर्यावरण प्रदूषित होता है। कंडों के जलने के बाद निकलने वाला धुआं वातावरण को साफ कर आक्सीजन में वृद्धि कर प्रदूषण को भी कम करता है। इस मौके पर करुणाशंकर मिश्रा, चंदन यादव, नंदलाल मिश्र, विनय सिंह, शीतला यादव, अखिलेश मिश्रा, मुन्नीलाल कन्नौजिया आदि रहे।



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