अब स्थाई होगी पातालगंगा सब्जी मंडी, सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने किसानों को दिया भरोसा, मंडी न हटने देने की कही बात
गाजीपुर। जब तक देश के अन्नदाता किसान समृद्ध नहीं होंगे, तब तक देश समृद्ध, गौरवशाली तथा आत्मनिर्भर नहीं हो सकता है। देश की समृद्धि का आधार किसान ही है। उक्त बातें बलिया सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने भांवरकोल क्षेत्र के पातालगंगा सब्जी मंडी में आयोजित किसान संवाद कार्यक्रम में कहीं। कहा कि यह इलाका शुरू से ही देश का सर्वाधिक उत्पादन का क्षेत्र रहा है। किसानों को उनके उत्पादन का लाभकारी मूल्य मिले, यह मुद्दा मैंने संसद में उठाया था और इसे पुनः उठाऊंगा। उन्होंने आज किसानों को आश्वस्त करते हुए कहा कि पतालगंगा सब्जी मंडी के लिए जिला प्रशासन से बात हो चुकी है। अब किसी भी सूरत में यह सब्जी मंडी यहां से नहीं हटेगी। जो इसको हटाने का प्रयास करेगा वह खुद ही यहां से हट जाएगा। उन्होंने क्षेत्र के किसानों की मांग पर पतालगंगा से अवथहीं मार्ग तक इस सड़क के चौड़ीकरण और पटरी का निर्माण का आश्वासन दिया। उन्होंने किसानों को भरोसा दिया कि किसानों की समृद्धि का रास्ता इस पतालगंगा मंडी से ही खुलेगा। उन्होंने कहा कि जो भी किसानों की मांग है सभी वाजिब हैं। मैं भरोसा दिलाता हूं कि सभी मांगे पूरी होंगी। कहा कि कोरोना महामारी के दौरान किसानों ने उत्पादन बढ़ाकर देश की आर्थिक दशा सुधारने में बड़ा योगदान दिया। उन्होंने किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहा कि गंगा किनारे 5 किलोमीटर के दायरे में प्राकृतिक खेती के लिए सरकार सब्सिडी दे रही है और उनके उत्पादन की खरीद के लिए तीन खरीद केंद्र की व्यवस्था कर किसानों को लाभकारी मूल्य दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस मंडी से पांच करोड़ प्रतिवर्ष सब्जी मंडी टैक्स लेती है। लेकिन बदले में सुविधा के नाम पर एक हैंडपंप भी मुहैया आज तक नहीं करा सकी है। यहां प्रकाश की नाम मात्र की व्यवस्था है। कहा कि जिला प्रशासन से बात कर इस मंडी के निर्माण के लिए शीघ्र जमीन उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए इस मंडी के संचालकों एवं किसानों के साथ जिलास्तर के अधिकारियों से शीघ्र समन्वयन बनाकर कार्य किया जाएगा। इस दौरान व्यापारियों व किसानों ने सांसद को अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया। इस मौके पर बीडीओ रामकृपाल यादव, वीरेन्द्र राय, ब्लाक प्रमुख अवधेश राय, आनंद राय मुन्ना, मनोज राय, अनिल राय, दुर्गा राय, दिनेश वर्मा, शेख अब्दुल्ला, अजय राय, राजेश राय, रविन्द्र राय, शशांक राय आदि रहे। अध्यक्षता सदानंद राय एवं संचालन विनोद राय ने किया।