बीपी और शुगर की पहचान और इलाज में मददगार बन रहे एचडब्ल्यूसी, दी गई विशेष हिदायतें
गोरखपुर। उच्च रक्तचाप और मधुमेह के मरीजों की पहचान और इलाज में आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर मददगार साबित हो रहे हैं। इन केंद्रों पर सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी मरीज की पहचान करते हैं और फिर टेली कंसल्टेशन के जरिये विशेषज्ञ चिकित्सक से राय दिलवाते हैं। चिकित्सक की सलाह पर ही दोनों बीमारियों की दवाएं चलती हैं जो केंद्र से ही मिल जाती हैं। लक्षण दिखने पर आशा कार्यकर्ता की मदद लेकर नजदीकी केंद्र पर जांच करवानी चाहिए। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने बताया कि वर्ष 2022-23 में 222 एचडब्ल्यूसी के माध्यम से 1300 हाई बीपी के और शुगर के 2500 रोगी खोजे गये। इन रोगियों की दवा केंद्र से ही चल रही है। वर्तमान में केंद्रों की संख्या बढ़ कर 369 हो चुकी है। जीवनचर्या से जुड़ी इन दोनों बीमारियों की जांच और इलाज की सुविधा घर के नजदीक उपलब्ध कराने में यह केंद्र अहम भूमिका निभा रहे हैं। केंद्र के सीएचओ शत्रुघ्न ने बताया कि चिकित्सक की राय से ही दवाएं चलाई जाती हैं। लोगों को योग और जीवनचर्या में बदलाव के बारे में विशेष तौर से परामर्श दिया जाता है। तला भुना, चावल, नमक, चीनी और मैदे से बनी चीजों को खाने से परहेज करने को बताया जाता है। हरी साग सब्जियों, दूध, पनीर, दही और घर में बने पौष्टिक आहार के सेवन की सलाह दी जाती है। सीएमओ ने बताया कि जिला अस्पताल में संचालित नान कम्युनिकेबल डिजीज क्लिनिक में भी बीपी और शुगर के जांच की सुविधा उपलब्ध है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में इस क्लिनिक के जरिये शुगर के 3200 और बीपी के 2755 नये मरीज ढूंढे गये और उनकी चिकित्सा शुरू कराई गयी।