31 दिन में गोमती नदी के उद्गम से संगम तक 1001 किमी का सफर तय कर कैथी पहुंची वाटर वुमेन, बनाया विश्व कीर्तिमान
खानपुर। 31 दिनों के अंदर गोमती नदी के किनारे 1001 किमी तक की पैदल यात्रा करके रिकार्ड बनाने वाली वाटर वुमन के नाम से प्रसिद्ध शिप्रा पाठक कैथी पहुंचीं। पीलीभीत के माधोटांडा स्थित गोमती नदी के उद्गम स्थल से यात्रा शुरू कर दर्जनों जनपद के गोमती घाटों को नापते हुए शिप्रा कैथी के मारकंडेय महादेव स्थित गोमती नदी के आखिरी पड़ाव पर पहुंची थी। इसके बाद उन्होंने गोमती व गंगा नदी के संगम पर पूजा अर्चना करने के बाद मारकंडेय महादेव पर संगम का जल अर्पित कर अपनी यात्रा को समाप्त किया। शिप्रा ने इस दौरान सैकड़ों गोमती घाटों पर नए सिरे से गोमती आरती के आयोजन की आधारशिला रखी। मारकंडेय महादेव घाट पर आयोजित जलसंवाद में आयोजित कार्यक्रम में बंदायू जिले से विधायक राजीव सिंह ने शिप्रा की यात्रा समाप्त होने पर उन्हें साधुवाद देते हुए कहा कि ये हमारे क्षेत्र का सौभाग्य है कि शिप्रा ने अकेले ही गोमती नदी की पैदल यात्रा करके आने वाली पीढ़ियों को समर्पण के भाव का संदेश दिया है। इस दौरान भाजपा के पूर्व विधायक हरेंद्र वर्मा ने शिप्रा को रानी लक्ष्मीबाई का स्वरूप बताते हुए कहा कि इस तरह की त्याग व तपस्या हर किसी के वश की बात नहीं है। रुड़की से आये महामंडलेश्वर स्वामी यतिन्द्रानन्द ने शिप्रा के बारे में बताते हुए कहा इससे पहले भी शिप्रा नर्मदा नदी की 3600 किमी की पैदल यात्रा, कैलाश मानसरोवर यात्रा व सरयू नदी की यात्रा कर चुकी हैं। इस मौके पर स्वामी रुद्रवत, मुन्ना पांडेय आदि रहे। ब्लॉक प्रमुख विनय सिंह ने आभार ज्ञापित किया।