तो क्या गैरजिम्मेदार सहायक अध्यापक की शिकायत वापिस न लेने पर निलंबित हुए थे प्रधानाध्यापक? चर्चाओं का बाजार गर्म





करंडा। क्षेत्र के विशुनपुरा उपरवार के प्राथमिक विद्यालय में गैरहाजिर होकर भी उपस्थिति पंजिका में हस्ताक्षर करने की शिकायत करने वाले प्रधानाध्यापक को ही निलंबित कर दिए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। आरोपी शिक्षक के साथ ही बीएसए द्वारा शिकायतकर्ता प्रधानाध्यापक को भी निलंबित किये जाने के मामले की क्षेत्र में खूब चर्चा है। लोगों का कहना है कि सहायक अध्यापक के खिलाफ प्रधानाध्यापक द्वारा लिखित शिकायत की गई थी, जिसे वापिस लेने का दबाव था। शिकायत वापिस न लेने के कारण ये निलंबन की पक्षपातपूर्ण कार्रवाई की गई है। वहीं विभाग द्वारा निलंबन की वजह प्रधानाध्यापक द्वारा स्कूल में शौचालय में गन्दगी, पेयजल की खराब टोंटी, बच्चों के बैठने की उचित व्यवस्था न किया जाना बताया जा रहा है। जबकि प्रधानाध्यापक का कहना है कि शौचालय साफ सुथरा है और बच्चों के बैठने की भी उचित व्यवस्था है। ऐसे में विभाग द्वारा इन वजहों को बताने से भी स्पष्ट हो रहा है कि प्रधानाध्यापक का निलंबन सुनियोजित ढंग से किया गया है। बता दें कि स्कूल के सहायक शिक्षक कुमार हर्ष 3 दिनों तक स्कूल से गायब रहे और चौथे दिन 11 बजे के बाद स्कूल पहुंचकर बाकी के 3 दिनों के भी हस्ताक्षर किए और फिर 12 बजे पुनः स्कूल से चले गए। जिसकी लिखित शिकायत प्रधानाध्यापक विनोद पांडेय ने बीईओ राघवेंद्र प्रताप सिंह से की थी। बताया जा रहा है कि उसके बाद विनोद पांडेय पर शिकायत को वापिस लेने का काफी ज्यादा विभागीय दबाव था, लेकिन विनोद पीछे नहीं हटे। जिसका खामियाजा उन्हें निलंबन के रूप में भुगतना पड़ा। हालांकि मामला उल्टा न पड़े, इसके लिए आरोपी शिक्षक को भी निलंबित किया गया है।



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