प्रहार दिवस के रूप में आरएसएस स्वयंसेवकों ने मनाया विजय दिवस, शाखाओं पर किया अभ्यास





खानपुर। क्षेत्र के अहलादपुर में आरएसएस के स्वयंसेवकों ने विजय दिवस पर दंड प्रहार कर करते हुए अपने शारीरिक क्षमता एवं दक्षता का प्रदर्शन किया। शाखा प्रभारी मुकेश यादव ने कहा कि 1971 का भारत पाकिस्तान युद्ध दोनों देशों के बीच हुआ तीसरा युद्ध था। जहां पाकिस्तान दो देशों में बंट गया। वहीं पाकिस्तान की 93 हजार सशस्त्र सेना ने भारतीय सेना के समक्ष अपने जीवन की भीख मांगते हुए शस्त्र समेत आत्मसमर्पण कर दिया था। कहा कि जब पाकिस्तान के लेफ्टिनेंट जनरल नियाजी ने भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के सामने आकर आत्मसमर्पण के पत्र पर हस्ताक्षर किया तो यह युद्ध न सिर्फ भारत के इतिहास का बल्कि दुनिया के सैन्य इतिहास का एक यादगार युद्ध बन गया। इस दौरान कई भारतीय सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए थे। उन्हीं बलिदानियों के सम्मान में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आज विजय दिवस को प्रहार दिवस के रूप में मना रहा है। शिवम मिश्रा ने कहा कि आज के दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रत्येक शाखा पर स्वयंसेवकों के द्वारा अधिक से अधिक प्रहार का अभ्यास कर अपनी शारीरिक क्षमता एवं दक्षता का प्रदर्शन किया गया।



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