राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत 61 किशोरियों का हुआ स्वास्थ्य परीक्षण, इंजेक्शन से किया गया सुरक्षित
ग़ाज़ीपुर। राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम जिसके अंतर्गत किशोर और किशोरियों को उनके शरीर में होने वाले परिवर्तन के साथ ही साथ मानसिक एवं व्यवहारिक रूप से परिपक्व कराने को लेकर भारत सरकार के द्वारा चलाई जाने वाली योजना है। जिसके तहत मंगलवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रेवतीपुर के अंतर्गत आने वाले कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय के बच्चियों का स्वास्थ्य परीक्षण करने के साथ ही साथ उनको डीटी का इंजेक्शन से प्रतिरक्षित किया गया। बीपीएम बबिता सिंह ने बताया कि रेवतीपुर के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय मे पढ़ने वाली छात्राओं के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत मंगलवार को कैंप लगाया गया। जिसमें कुल 61 बच्चियों का स्वास्थ्य परीक्षण के साथ ही साथ हीमोग्लोबिन एवं वजन और एनीमिया की जांच की गई। उन्हें जागरूक करने का भी कार्य किया गया। इस दौरान 61 किशोरियों को डीटी के इंजेक्शन से प्रतिरक्षित किया गया। सेनेटरी नैपकिन का वितरण कर इससे होने वाले लाभ के बारे में भी जानकारी दी गई। इसके साथ ही शरीर को स्वस्थ रखने के लिए कई तरह के पोषक तत्वों, विटामिन्स और मिनरल्स की जरूरत होती है। इन चीजों की कमी से शरीर को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में कई बार लोग शरीर में विटामिन्स की कमी को पूरा करने के लिए सप्लीमेंट्स का सहारा लेते हैं, जिसमें से आयरन भी एक है। आयरन की कमी से शरीर में खून कम बनता है। जिस कारण आयरन की गोलियां लेने के बारे में बताया गया। बताया कि किशोरावस्था (10-19 वर्ष) वृद्धि तथा विकास की एक महत्वपूर्ण अवस्था होती है। यह बाल्यावस्था से किशोरावस्था में परिवर्तन का समय होता है तथा इस अवस्था में शारीरिक एवं मानसिक परिवर्तन बहुत तीव्रता से होते हैं। इस अवस्था में किशोर-किशोरी यौन, मानसिक तथा व्यवहारिक रुप से परिपक्व होने लगते हैं। किशोर-किशारियों की समस्यायें विभिन्न प्रकार की होती हैं तथा उनके लिए जोखिम भरी परिस्थितियां भी अलग-अलग होती हैं। उदाहरण के लिए वे विवाहित एवं अविवाहित, स्कूल जाने वाले तथा न जाने वाले, गांव तथा शहरी क्षेत्रों में रहने वाले हो सकते हैं तथा यौन विषय पर उनकी जानकारी में भी अलग-अलग हो सकती है। प्रत्येक समूह की समस्यायें एक दूसरे से अलग हो सकती हैं तथा उनको समाज का ही एक विशेष अंग मानते हुए महत्व देना चाहिए। किशोरावस्था के दौरान हार्मोन परिवर्तन के कारण यौवनकाल की शुरुआत होती है, शारीरिक वृद्धि तेजी से होती है तथा दित्तीयक यौन लक्षण प्रकट होता है। इसके साथ ही मानसिक एवं भावनात्मक परिवर्तन जैसे कि स्वयं की पहचान बनाना, किसी प्रकार की रोक-टोक पसंद न करना, यौन इच्छा तथा विपरीत लिंग के प्रति आकर्षण की भावना उत्पन्न होती हैं। इस अवस्था में वे परिवार के अतिरिक्त बाहरी लोगों के सम्पर्क में भी आने लगते हैं। इस मौके पर एचएस मुक्तेश्वर राय, संतोष कुमार, सीएचओ प्रिया राय, एएनएम नीलम देवी, मंजू चौहान, प्रिंसिपल प्रियंका सिंह आदि रहे।