समय से कुष्ठ रोग की पहचान से स्वस्थ हो जाता है मरीज, कार्यक्रम का आयोजन कर की गई समीक्षा
गोरखपुर। कुष्ठ रोग की अगर समय से पहचान हो जाए तो इलाज के जरिये यह बीमारी ठीक हो जाती है। ऐसे में लक्षण दिखते ही तुरंत जांच व इलाज करवाना चाहिए। सभी सरकारी अस्पतालों से कुष्ठ रोग की दवा निःशुल्क मिलती है। यह बातें मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने कहीं। वह राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम की मंगलवार को समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने निर्देश दिया कि सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) और आशा कार्यकर्ताओं की मदद से कुष्ठ रोगी की पहचान कर इलाज कराया जाए। सीएमओ ने बताया कि विकृति के साथ नया कुष्ठ रोगी खोजने पर आशा कार्यकर्ता को 200 रुपये जबकि बिना विकृति वाला नया कुष्ठ रोगी खोजने पर 250 रुपये दिये जाते हैं। जब आशा कार्यकर्ता की मदद से कुष्ठ रोगी का इलाज पूरा हो जाता है तो इसके लिए भी उसे 400 रुपये देने का प्रावधान है। आशा कार्यकर्ताओं को इस योजना के बारे में बता कर प्रोत्साहित किया जाए ताकि वह ज्यादा से ज्यादा कुष्ठ रोगियों को खोजने में मददगार साबित हों। सीएचओ के साथ तालमेल स्थापित कर उनकी ओपीडी से भी कुष्ठ रोगियों को ढूंढा जाए। जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ गणेश प्रसाद यादव ने बताया कि सभी के प्रयासों से जिले में कुष्ठ रोग की दर प्रति 10 हजार की आबादी पर 0.46 फीसदी है जो कि अच्छा संकेतांक है, लेकिन बीमारी के प्रति सतर्कता कायम रखनी होगी। आशा कार्यकर्ताओं को बताया जाए कि उनके गृह भ्रमण के दौरान अगर कोई ऐसा मरीज मिलता है जिसके शरीर पर चमड़ी के रंग से अलग सुन्न या दाग धब्बे हैं तो ऐसे मरीजों को ब्लॉक पर लाकर कुष्ठ की जांच अवश्य करवाएं। कुष्ठ दो प्रकार का होता है। अगर शरीर पर पांच दाग धब्बे हैं और कोई एक नस या कोई नस शामिल नहीं है तो वह पासी बेसिलाई (पीबी) का कुष्ठ रोगी होता है, जिसका इलाज महज छह माह में पूरा हो जाता है। अगर धब्बों की संख्या पांच से अधिक है और दो या दो से अधिक नसें शामिल हैं तो मरीज मल्टी बेसिलाई (एमबी) कुष्ठ रोगी होता है। ऐसे रोगी का दवा साल भर तक चलती है। इस मौके पर एसीएमओ आरसीएच डॉ नंद कुमार, एसीएमओ वेक्टर बार्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम डॉ एके चौधरी, उप जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ अनिल कुमार सिंह, जिला कुष्ठ रोग परामर्शदाता डॉ भोला गुप्ता, सीफार के क्षेत्रीय समन्वयक वेदप्रकाश पाठक, फिजियोथेरेपिस्ट आसिफ, धर्मवीर सिंह, एएन मिश्रा, एआरओ एसएन शुक्ला, अरूण आदि रहे।