महिलाओं संग लाखों की धोखाधड़ी करने वाले शातिर दिव्यांग ने कोतवाल से भी दिखाई रंगबाजी, फोन पर दिया ऐसा जवाब कि........





सैदपुर। प्रधानमंत्री मोदी ने शारीरिक तौर पर अक्षम लोगों को खास बनाते हुए उन्हें एक नाम दिया था, दिव्यांग, यानी दिव्य अंग का मालिक। लेकिन कई बार कुछ ऐसे दिव्यांग होते हैं जो अपनी इस दिव्यांगता का ऐसा इस्तेमाल करते हैं कि लोग परेशान हो जाते हैं। ऐसा ही एक दिव्यांग है, जिसने अपनी शारीरिक अक्षमता के जरिए महिलाओं को मानसिक तौर पर फंसाया और फिर उनके जरिए सैकड़ों महिलाओं के करीब एक लाख रूपए लेकर चंपत हो गया। मामला कोतवाली में पहुंचा तो कोतवाल ने उसे फोन कर बुलाया लेकिन दिव्यांग इस कदर मनबढ़ निकला कि उसने पहले तो कोतवाल का फोन बार-बार काटकर स्विच ऑफ किया और फिर जब बात हुई तो उसने दो टूक कहा कि शिकायतकर्ताओं को कोर्ट में भेज दीजिए, मैं थाने में नहीं आउंगा। मामला वाराणसी के मुर्दहा बाजार निवासी बबलू राठौर का है। बबलू दोनों पैरों से दिव्यांग है। उसने एक एनजीओ दिव्यांग कल्याण संगठन का पंजीकरण कराया और खुद को प्रदेश अध्यक्ष घोषित किया। इसके बाद उसने क्षेत्रीय महिलाओं को लोभ दिया कि उनसे जुड़ने पर सिलाई, चुनरी निर्माण आदि जैसे घरेलू रोजगार देगा। इसके लिए उसने सैदपुर में रीना सोनकर को व सादात में अमृता कुशवाहा को ब्लॉक प्रभारी बताया। इसके लिए संस्था से जुड़ने की फीस प्रति महिला 100 रूपए थी, जिसकी रसीद काटी जाती थी। शातिर बबलू ने महिलाओं से कहा कि वो मलीन बस्तियों की महिलाओं को ही जोड़ें, क्योंकि वो गरीब होती हैं और उन्हें रोजगार देना है। जबकि उसने जो रसीद छपवाई थी, उस पर अंग्रेजी में छपवाया था कि वो जो 100 रूपए ले रहा है, वो संगठन को चंदा दिया जा रहा है। ताकि भविष्य में किसी तरह की कार्रवाई से वो बच सके। अंग्रेजी में उसने इसलिए छपवाया था, क्योंकि आमतौर पर लोग उसकी चालबाजी समझ न सकें। इसके बाद क्षेत्र की दर्जनों महिलाओं ने आसपास के गांवों में जाकर करीब 800 से 900 महिलाओं से 100-100 रूपए की रसीद काटा और रूपया बबलू को सौंप दिया। जब कई माह तक बबलू ने रोजगार नहीं दिया तो महिलाओं ने तकाजा शुरू किया। इसके बाद उसने महिलाओं पर ऑनलाइन एफआईआर कर दिया कि उसके कार्यालय से सामान चोरी कर लिया। इसके बाद महिलाओं ने बीते दिनों कोतवाली का रूख किया तो चौकी इंचार्ज पवन यादव ने उसे कोतवाली में बुलवाया। शातिर बबलू कोतवाली में एक वकील लेकर पहुंचा। वहां 6 सितंबर का समय उसने रूपया देने के लिए मांगा। लेकिन 6 सितंबर को वो नहीं पहुंचा। इस बीच वाराणसी में भी कुछ पीड़ित महिलाओं ने थाने में धोखाधड़ी की शिकायत की थी तो उसे वहां बुलवाया गया। वहां मनबढ़ई करने पर महिलाओं ने उसे वहीं पर पीट दिया था। इसके बाद शनिवार को जब सैदपुर की पीड़ित महिलाएं कोतवाली पहुंचीं और शिकायत कीं तो कोतवाल तेजबहादुर सिंह ने उसे फोन किया लेकिन बबलू ने बार-बार फोन काट दिया और बंद कर दिया। जब ऑन हुआ तो बात हुई और उसने कोतवाल को दो टूक में जवाब दिया कि वो कोतवाली नहीं आएगा, जिसे जो करना हो कर लें, अब वो कोर्ट में मिलेगा। ऐसा कहकर बिना बात सुने फोन काट दिया। उसकी रंगबाजी देखकर वहां मौजूद लोग भी हैरान रह गए। बहरहाल, पीड़ितों ने कहा कि जब वो कोतवाल से ऐसे बात कर रहा है तो वो कहां जाएं, समझ नहीं आ रहा।



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