विशाल सिंह चंचल दोबारा बने एमएलसी, डॉ. विजय यादव को एमएलसी ने बताया था श्रीकृष्ण, हो रही चर्चा


गाजीपुर। इसमें कोई शक नहीं है कि आज का दिन भाजपा का है। भगवा खेमे में जश्न है, उत्साह व उल्लास भी है। भाजपा की लिहाज से एमएलसी चुनाव परिणाम ने बीते लोकसभा चुनाव व विधानसभा चुनाव की मिली करारी हार पर एक तरह से मरहम लगाने का काम किया है। ऐसे में भाजपाइयों का प्रफुल्लित होना लाजिमी है। लेकिन एमएलसी चुनाव के परिणाम की बात हो और अगर इसमें भाजपा के वरिष्ठ नेता डा. विजय यादव का जिक्र न हो तो ये भी बेमानी हो होगा। एमएलसी चुनाव में भाजपा नेता डा. विजय यादव की भूमिका को समझने के लिए एमएलसी विशाल सिंह चंचल के उस बयान हो याद करना होगा, जिसमें उन्होंने डॉ. विजय का महिमा मंडन किया था। नामांकन के दिन एमएलसी विशाल सिंह चंचल ने अपने ठीक बगल में खड़े डा. विजय यादव मौजूद थे। उसी समय विशाल सिंह चंचल ने मीडियाकर्मियों से डॉ. विजय की तरफ इशारा करते हुए कहा कि जब साथ में श्रीकृष्ण हैं तो पराजय का कोई सवाल ही नहीं है। उन्होंने उसी दौरान दावा किया था कि मेरी जीत निश्चित है। उन्होंने यह भी कहा था कि मैं अभिमन्यु बनकर नहीं बल्कि अर्जुन बनकर सियासी समर में उतरूंगा। एमएलसी चुनाव परिणाम आते ही आज विशाल सिंह चंचल की बात सत्य हुई। ऐसे में लोग इस बात की भी चर्चा कर रहे हैं कि चंचल के इस विजय रथ का सारथी कौन? लोग ये कहने को विवश हैं कि इस बात का जवाब खुद विजयी हो चुके एमएलसी ने नामांकन के दिन ही दे दिया था कि इस रथ के सारथी डॉ. विजय यादव ही हैं। अब देखना ये है कि भाजपा डॉ. विजय के इस उपहार की किस तरह का रिटर्न गिफ्ट डॉ. विजय को देती है। चूंकि डा. विजय यादव यदुवंशी समाज से संबंध रखते हैं, ऐसे में भाजपा को उनके चेहरे के जरिये इस चुनाव को साधने में काफी हद तक सहायता मिली। एमएलसी के श्रीकृष्ण वाले बयान को भी इस संदर्भ में देखा जा रहा है। डा. विजय भी पूरी वफादारी से भाजपा के समर्पित सिपाही के रूप में तैनात हैं और उनके वफादारी की बानगी पूरा जनपद जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में देख चुका है। ऐसे में आज भी भाजपा का पूरा संगठन डा. विजय यादव के समर्पण को लेकर उनका कायल है।