टीबी के खात्मे को स्वास्थ्यकर्मियों ने ली शपथ, लोगों को करेंगे जागरूक
गोरखपुर। राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत चल रहे जनान्दोलन के क्रम में स्वास्थ्यकर्मियों को जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डॉ. रामेश्वर मिश्र ने गुरूवार को शपथ दिलाई। इस दौरान मौजूद स्वास्थ्यकर्मियों ने टीबी उन्मूलन के संकल्प के साथ जनजागरूकता की शपथ ली। डीटीओ ने बताया कि जिले में इस समय टीबी के 5342 सक्रिय रोगी हैं, जिनका विभाग की देखरेख में इलाज चल रहा है। विभाग का प्रयास है कि ज्यादा से ज्यादा टीबी रोगी खोज कर संक्रमण की चेन तोड़ी जाए। इसके लिए सामुदायिक सहभागिता आवश्यक है। राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम से जुड़े सभी स्वास्थ्यकर्मियों ने यह शपथ ली है कि समाज से क्षय उन्मूलन के लिए लोगों को जागरूक करेंगे और अपने आस-पास के संभावित क्षय रोगियों को उपचार के लिए प्रेरित करेंगे। स्वास्थ्यकर्मियों ने यह भी शपथ ली कि टीबी के कलंक को मिटाते हुए समाज को क्षय रोग से मुक्त करने में अपना सहयोग प्रदान करेंगे। डॉ. मिश्र ने बताया कि दो सप्ताह या अधिक समय तक खांसी आना, खांसी के साथ बलगम आना, बलगम में कभी-कभी खून आना, सीने में दर्द होना, शाम को हल्का बुखार आना, वजन कम होना और भूख न लगना टीबी के सामान्य लक्षण हैं। ऐसे टीबी के संभावित मरीज दिखें तो उनकी टीबी की जांच अवश्य करवाई जानी चाहिए। बताया कि गैर सरकारी व्यक्ति या किसी निजी चिकित्सक द्वारा भी नया टीबी रोगी खोजने पर 500 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। इसके अलावा टीबी मरीज को इलाज के दौरान पोषण के लिए 500 रुपये प्रति माह उसके खाते में दिये जाते हैं। टीबी मरीजों को सरकारी अस्पताल से समस्त दवाएं निःशुल्क दी जाती हैं। लक्षण दिखने पर किसी भी नजदीकी सरकारी अस्पताल पर संपर्क किया जाना चाहिए।