जन्माष्टमी विशेष : काफी अरसे बाद हर जगह एक ही दिन मनेगा जन्माष्टमी, इसी नक्षत्र में हुआ था श्रीकृष्ण का जन्म



बिंदेश्वरी सिंह की खास खबर



खानपुर। पूरे क्षेत्र में सोमवार को जन्माष्टमी मनाने की तैयारी बेहद धूमधाम और उत्साह के साथ हो रही है। भगवान श्रीकृष्ण के 5247वें जन्मोत्सव को जन्माष्टमी के रूप में सोमवार को मनाया जाएगा। भाद्रपद माह के कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण ने धरती पर जन्म लिया था। जन्माष्टमी पर घरों, मंदिरों और पुलिस थानों में विशेष रूप से सजावट की जा रही है। लंबे अरसे बाद इस वर्ष सभी जगह एक ही दिन जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाएगा। आमतौर पर अब तक दो दिनों का जन्माष्टमी का पर्व होता था। पहले दिन सामान्य आयोजन होता था लेकिन मंदिरों में दूसरे दिन मनाया जाता था। ग्रह नक्षत्रों की स्थिति के कारण इस साल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी बेहद शुभ और खास है। श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद मास के कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र और वृषभ राशि के मध्य रात्रि में हुआ था और ये नक्षत्र 30 अगस्त को पड़ रहा है। भाद्रपद माह के कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि 29 अगस्त की रात 11 बजकर 25 मिनट से शुरू होकर 30 अगस्त की रात 2 बजे तक रहेगी। बाजारों में बालरूप कान्हा को सजाने की श्रृंगार सामग्री, मोरपंखी, बांसुरी और झांकी सजाने के सामानों के साथ झूला पेड़ गाड़ी घोड़ा हाथी गाय बैल आदि खिलौनों की जमकर खरीददारी हो रही है। ’भगवान श्रीकृष्ण का अवतरण 3228 ईसवी वर्ष पूर्व मथुरा में हुआ था। 3102 ईसवी वर्ष पूर्व कान्हा ने इस लोक को छोड़ भी दिया। विक्रम संवत के अनुसार, कलयुग में उनकी आयु 2078 वर्ष हो चुकी है अर्थात भगवान श्रीकृष्ण पृथ्वी लोक पर 125 साल, छह महीने और छह दिन तक रहे और उसके बाद स्वधाम चले गए।’



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