भाजपा के डॉ. मुकेश ने तोड़ा अखिलेश यादव का 2021 का सबसे बड़ा ‘सपना’, दिग्गजों के जुटने के बावजूद 27 वोटों से दी सपा को मात, अब डॉ. मुकेश को नजरअंदाज नहीं कर पाएगी भाजपा
सैदपुर। पूरे प्रदेश में सपा के लिए सबसे हॉट सीट बन चुके गाजीपुर के जिला पंचायत अध्यक्ष पद का फैसला आखिरकार शनिवार को हो गया। लंबे समय से भाजपाजनों की बेहद तेज हो चुकी हृदयगति को शनिवार की शाम को जाकर कुछ आराम मिला होगा तो सपाजनों की हृदयगति और तेज हो गई होगी। सपा मुखिया अखिलेश यादव के लिए कांटे की टक्कर बन चुकी गाजीपुर की इस सीट पर आखिरकार भाजपा के डॉ. मुकेश सिंह ने अखिलेश यादव का बहुप्रतिक्षित ‘सपना’ तोड़ दिया। शुरू से अंत तक इस जीत के सूत्रधारों में सबसे बड़ा नाम डॉ. मुकेश का इसलिए है, शुरू से अंत तक सभी से टक्कर लेते हुए आखिरकार भातृवधू को जीत के मुकाम तक पहुंचा दिया। परिवार में सपना सिंह को चुनाव लड़ाने की बात सामने आने पर उन्होंने जीतोड़ प्रयास शुरू कर दिया। इसके बाद उन्होंने सैदपुर सेक्टर 1 से प्रयास किया, जिसमें तैयारी भी की लेकिन सीट सुरक्षित हो जाने पर उन्हें दूसरे वार्ड का रूख करना पड़ा। वहां भी काफी काम करने के बाद सैदपुर प्रथम सीट पुनः सामान्य हो गई तो उन्होंने फिर से सपना की निर्दल प्रत्याशी के रूप में दावेदारी कराई। ये डॉ. मुकेश की ही सोच थी कि सपना सिंह को निर्दल उम्मीदवार बनाया, ताकि उन्हें सभी दलों के वोट बराबर मिल सके और वो मिला भी। इस बीच उसी सीट पर डॉ. मुकेश सिंह के परिवार के बेहद करीबी रहे स्व. तेजबहादुर सिंह के भाई राधेमोहन सिंह की पत्नी अंजना सिंह ने दावेदारी कर दी। इसके बावजूद डॉ. मुकेश अपने छोटे भाई पंकज सिंह चंचल के साथ चुनावी तैयारी में जुटे रहे और सभी की रणनीतियों को अंदर ही अंदर फेल करते रहे और परिणाम आने के दिन तक उहापोह की स्थिति बनी रही और आखिरकार 32 मतों के अंतर से जीत हासिल की। इसके बाद फिर से डॉ. मुकेश की अग्निपरीक्षा शुरू हुई, क्योंकि अब जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए भाजपा से डॉ. विजय यादव अपनी पत्नी वंदना यादव के लिए टिकट मांग रहे थे। डॉ. विजय यादव डॉ. मुकेश सिंह के लिए चुनावी खतरा बन सकते थे, जिसके बाद सपना को भाजपा का अधिकृत प्रत्याशी बनाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया, इधर डॉ. विजय ने भी अपना पूरा जोर वंदना यादव को टिकट दिलाने में लगा दिया था। डॉ. मुकेश के प्रयास में अपना भरपूर योगदान दिया उनके परिवार के विधान परिषद सदस्य विशाल सिंह चंचल सिंह ने। डॉ. विजय के लिए जुटे लोगों को किनारे करते हुए एमएलसी समेत डॉ. मुकेश ने जोर लगाया और आखिरकार भाजपा गाजीपुर ने दोनों प्रत्याशियों का फ्लोर टेस्ट कराया, जिसमें सपना सिंह बीस पड़ गई। इसके बाद से ही टिकट सपना सिंह के पाले में आने के कयास लगने लगे थे। इस बीच डॉ. मुकेश ने जीतकर आए जिला पंचायत सदस्यों से बातचीत करके जिले के चहुंमुंखी विकास के अपने सपने से उन्हें अवगत कराकर बताया कि जिले का विकास तभी संभव है, जब कि एकजुट होकर काम करें। यहीं से स्क्रिप्ट लिखी जानी शुरू हुई और आखिरकार 3 जुलाई की शाम को इस जीत पर जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. एमपी सिंह ने मुहर लगाते हुए सपना सिंह को विजेता घोषित किया। जिसके साथ ही सपा मुखिया अखिलेश यादव का गाजीपुर से सपा का जिपं अध्यक्ष बनाने का सपना भी टूट गया। गौरतलब है कि यादव बाहुल्य गाजीपुर में सपा का अध्यक्ष चुने जाने के लिए अखिलेश यादव ने कुछ दिनों पूर्व करीब 34 जिपं सदस्यों को लखनऊ बुलाकर बारी-बारी मुलाकात करके उनसे कुसुमलता को जिताने की बात कही थी। क्योंकि इस चुनाव को मिशन 2022 का सेमीफाइनल भी माना जा रहा है। जिसके चलते पूर्वांचल के गढ़ के रूप में गाजीपुर में जीत हासिल करने में सपा जुटी थी लेकिन उसका उल्टा हो गया। भाजपा की इस बड़ी जीत के साथ ही अब डॉ. मुकेश सिंह के रूप में भाजपा को एक बड़ा प्रत्याशी मिल गया है। गौरतलब है कि काफी समय से डॉ. मुकेश भाजपा से जंगीपुर या सदर विधानसभा से चुनाव लड़ना चाह रहे थे और अब इस जीत के बाद भाजपा किसी भी हाल में उनकी दावेदारी को नजरअंदाज नहीं कर पाएगी।