जमीन पर था आधा शरीर और फंदे में थी गर्दन लेकिन तहरीर पर पुलिस मान रही आत्महत्या का मामला, लोग जता रहे हत्या की आशंका





बहरियाबाद। थानाक्षेत्र के चकफरीद गांव के कुटिया स्थित कब्रिस्तान की झाड़ियों में शुक्रवार की सुबह संदिग्ध परिस्थितियों में जंगली पेड़ से लटकती ससुराल में रह रहे अधेड़ की लाश मिलनें से सनसनी फैल गई। घटना के बाद मौके पर लोगों की भारी भीड़ लग गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। वहीं मौके पर फॉरेंसिक जांच टीम भी पहुंच कर जांच-पड़ताल की। इस बाबत मृतक के साले मुस्तफा ने तहरीर दी है। कासिमाबाद के बहादुरगंज कस्बा निवासी कलाम कुरैशी 50 पुत्र सईद कुरैशी बीते 5 वर्षों से बहरियाबाद के चकफरीद गांव स्थित अपनी ससुराल में रहकर मवेशियों को बेचने व खरीदने का काम करता था। ससुरालियों के अनुसार, वो बीच-बीच में अपने बहादुरगंज स्थित घर भी जाकर रहता था। बताया कि करीब 10 दिन पूर्व वह अपने घर चाचा के लड़के की शादी में शामिल होकर वापस आया था। इसके बाद तीन दिनों से वह ससुराल स्थित घर से निकलने के बाद कस्बे में ही इधर-उधर रह रहा था। इस बीच गुरूवार को उसके साले मुस्तफा ने उनकी तलाश की लेकिन वो नहीं मिला। इस बीच शुक्रवार की सुबह शौच करने जा रहे युवकों ने उसके ससुराल से लगभग 150 मीटर दूर कुटिया स्थित कब्रिस्तान की झाड़ियों में पेड़ के डाल से लगभग ढाई फीट ऊपर कार्टून बांधने वाली प्लास्टिक की रस्सी के फंदे के सहारे जमीन पर लाश पड़ी देखी तो शोर मचाया। देखते ही देखते वहां काफ़ी भीड़ जमा हो गई। मृतक के साले मुस्तफा कुरैशी ने शिनाख्त कर थाने जाकर पुलिस को सूचना दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में ले थाने लाई। इस बाबत थानाध्यक्ष संजय कुमार मिश्र ने बताया कि मृतक के साले मुस्तफा की तहरीर पर आत्महत्या का मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है। वहीं एकबारगी स्थिति देखकर ये आत्महत्या की बजाय हत्या लग रही है। कलाम कुरैशी की संदिग्ध मौत के बाद घटनास्थल पर पहुंचे लोगों में भी ये चर्चा रही कि कहीं अन्यत्र हत्या कर शव को झाड़ी में लाकर जल्दबाजी में छोटे से पेड़ की डाल से लटका दिया गया है। क्योंकि जिस ढंग से शरीर का आधे से अधिक भाग जमीन पर पड़ा हुआ था वह कुछ और ही बयां कर रहा था। कोई भी व्यक्ति फांसी लगाने के बाद हवा में लटकेगा या अधिक से अधिक उसका पैर जमीन से छुएगा। लेकिन यहां स्थिति पूरी तरह से अलग थी। मृतक के शरीर का निचला पूरा हिस्सा जमीन पर था और गले में लगे फंदे के सहारे पेड़ की डाली से अटका हुआ था। दोनों पैर व हाथ में तथा कमर के हिस्से में खरोंच के निशान में से खून भी रिसा हुआ था। गौरतलब है कि बहादुरगंज निवासी मृतक कलाम ने अपनी पहली पत्नी से तलाक लेने के बाद 10 वर्ष पूर्व बहरियाबाद के चकफरीद निवासी मुस्तफा की गूंगी बहन आसमां बेगम संग दूसरी शादी की थी। दूसरी पत्नी अब भी अपने बच्चों के साथ बहादुरगंज में ही किराए के मकान में रहती है। वहीं दूसरी पत्नी आसमां को बेऔलाद थी। वो ससुराल में ही पत्नी संग अलग रहता था। बताया कि कुछ दिनों तक वो आसमां के साथ चकफरीद में ही किराए के मकान में रहता था लेकिन फिर से ससुराल स्थित घर में आ गया था। इस बाबत साले मुस्तफा ने बताया कि मृतक ने बहादुरगंज में अपने हिस्से की जमीन को अपने भाई को बेच दिया था और यहीं रहता था।



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