नई आरक्षण सूची जारी होते ही टूट चुके दिलों में फिर हुई हलचल तो कई चेहरे हुए मायूस, दिग्गजों ने बदली सीट
गाजीपुर। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पर कोर्ट द्वारा 2015 के आधार पर आरक्षण दिए जाने के निर्देश पर अमल करते हुए चुनाव आयोग द्वारा शनिवार को जिला पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान आदि पदों की आरक्षण सूची जारी कर दी गई। सूची के आते ही जहां कईयों के खिले-खिले चेहरे एक झटके में मुरझा गए तो कई ऐसे चेहरे जो पहली सूची के आने पर मुरझा गए थे, उनके चेहरे खिल उठे। अधिकांश सीटों पर आरक्षण बदल जाने के बाद एक झटके में समीकरण बदल गए। वहीं पूरी तरह से चुनाव लड़ने का मन बना चुके प्रत्याशियों ने आरक्षण सूची के आने में सीट का आरक्षण बदलने से एक झटके में सीट बदल दिया। गाजीपुर में जिला पंचायत सदस्य पद के लिए कई उम्मीदवारों के मंसूबों पर पानी फिर गया। लंबे समय से अपने क्षेत्र में प्रचार प्रसार व जनसहयोग के काम में अब तक भारी रूपए खर्च चुके अधिकांश प्रत्याशियों के इस चुनाव के सफर पर विराम सा लगता दिख रहा है। वहीं जिला पंचायत अध्यक्ष पद के सबसे कद्दावर प्रत्याशी व डॉ. मुकेश सिंह के छोटे भाई पंकज सिंह चंचल की पत्नी सपना सिंह की सादात तृतीय सीट भी सुरक्षित हो गई। जिसके साथ ही उन्होंने वहां से हटकर अपने पुराने क्षेत्र सैदपुर प्रथम से दावा ठोंक दिया। डॉ. मुकेश सिंह ने बताया कि पहले वो सैदपुर प्रथम से ही चुनाव लड़ने की इच्छुक थीं लेकिन पहली सूची में सैदपुर प्रथम अन्य वर्ग के लिए सुरक्षित होने से वो वहां से हट गई थीं। लेकिन अब एक बार पुनः सैदपुर प्रथम से ही चुनाव के लिए हम मैदान में हैं। कहा कि सैदपुर प्रथम से चुनाव लड़ने के बावजूद सादात तृतीय हो या कोई अन्य क्षेत्र, हर जगह की जनता व उनकी समस्याएं हमारी हैं। उनके निस्तारण में हम पीछे नहीं हटेंगे। इधर करंडा द्वितीय से चुनाव लड़ने के लिए लंबे समय से इच्छुक व तैयारी कर रहे राजकुमार पांडेय की उम्मीदों पर भी पानी फिर गया है। इसके पूर्व आई सूची में करंडा द्वितीय को महिला अनारक्षित कर दिया गया था, जहां से उन्होंने अपनी मां माया देवी को चुनाव लड़ाया था। लेकिन अब नई सूची में करंडा द्वितीय व तृतीय के अनुसूचित व पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित कर दिए जाने से एक बार फिर से उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया है। अब एकमात्र सीट करंडा प्रथम ही अनारक्षित बची है।