गोरखपुर : महापौर और सीएमओ ने जिला महिला अस्पताल में नवजात को पोलियारोधी खुराक पिलाकर किया अभियान का शुभारंभ
गोरखपुर। जिले में 13 दिसम्बर तक शून्य से पांच वर्ष तक के करीब 6.47 लाख बच्चों को पोलियो से बचाव की दवा पिलाई जाएगी। इस दौरान रविवार को महापौर डॉ मंगलेश श्रीवास्तव और मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने जिला महिला अस्पताल में दर्जनों बच्चों को दवा पिलाकर पल्स पोलियो अभियान का शुभारंभ किया। पहले दिन जिले भर में बने 2148 बूथों पर दवा पिलाई गई, जबकि सोमवार से 13 दिसम्बर तक स्वास्थ्य विभाग की टीमें घर घर जाकर दवा पिलाएंगी। छूटे हुए बच्चों को बी टीमों द्वारा 16 दिसम्बर को दवा पिलाई जाएगी। सभी ब्लॉक स्तरीय अस्पतालों पर भी स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा बच्चों को दवा पिलाकर इस अभियान का शुभारंभ किया गया। सीएमओ ने बताया कि पूरे देश से पोलियो का उन्मूलन हो चुका है, लेकिन वैश्विक स्तर पर अभी भी इसका खतरा बना हुआ है। पड़ोसी देश पाकिस्तान और अफगानिस्तान समेत कई अन्य देशों में भी इसके सक्रिय मामले मिलते रहे हैं। प्रवासियों के जरिये अपने देश में भी इस वायरस के प्रभाव की आशंका बनी रहती है। इसी वजह से बच्चे के जन्म के 24 घंटे के भीतर जीरो डोज टीककारण के तहत पोलियो की दवा भी पिलाई जाती है। पांच साल से कम उम्र तक के बच्चों को प्रत्येक अभियान में यह दवा अवश्य पिलाई जानी चाहिए। पोलियो से बचाव की दवा नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के तहत भी पिलाई जा रही है। इस दौरान महानगर के घंटाघर स्थित धम्माल मोहल्ले के सतीश शर्मा के नवजात शिशु को महापौर और सीएमओ ने दवा पिलाकर अभियान का शुभारंभ किया। सतीश ने बताया कि यह उनका पहला बेटा है और बच्चे का जन्म शनिवार की रात में ही हुआ है। सभी वार्डों में सूचना दी गई थी कि बूथ पर पोलियो से बचाव की दवा पिलाई जाएगी। उनके परिवार के सभी बच्चों का नियमित टीकाकरण जिला महिला अस्पताल में ही होता है और किसी भी बच्चे को कभी कोई दिक्कत नहीं हुई। उन्हें टीके और दवा पर पूरा विश्वास है, इसी वजह से उन्होंने अपने नवजात शिशु को खुद बूथ पर लाकर दवा पिलवाया। अभियान के शुभारंभ कार्यक्रम से पहले जिला महिला अस्पताल में दर्जनों अभिभावकों का नियमित टीकाकरण के प्रति संवेदीकरण किया गया। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ नंदलाल कुशवाहा और विश्व स्वास्थ्य संगठन के एसएमओ डॉ विनय ने उन्हें बताया कि 12 प्रकार की जानलेवा बीमारियों से बचाव के लिए पांच साल में सात बार बच्चों का नियमित टीकाकरण अनिवार्य है। आशा कार्यकर्ता की मदद से नजदीकी सत्र स्थल पर जाकर बच्चों का टीकाकरण समय समय पर करवाते रहें। इस दौरान यूएनडीपी संस्था से राजीव रंजन, पवन, यूनिसेफ संस्था से संदीप श्रीवास्तव और डॉ हसन फहीम ने भी महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की। सीएमओ ने बताया कि अभियान के दौरान करीब 8.93 लाख घरों के बच्चे पोलियो से बचाव की दवा से आच्छादित किये जाने हैं। घर घर भ्रमण के लिए 1494 टीमें बनाई गई हैं। इन टीमों की मॉनीटरिंग 518 पर्यवेक्षक करेंगे। कुल 64 मोबाइल टीमें और 290 ट्रांजिट टीमें भी अभियान का हिस्सा बनेंगी। पार्टनर संस्थाएं क्षेत्र में जाकर अभियान को देखेंगी और फीडबैक देंगी। प्रतिदिन होने वाली सांध्यकालीन बैठकों में अभियान की निरंतर समीक्षा की जाएगी। इस मौके पर जेडी डॉ एके गर्ग, सीएमएस डॉ जय कुमार, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ नंदलाल कुशवाहा, एसीएमओ डॉ एके चौधरी, डिप्टी सीएमओ डॉ अनिल कुमार सिंह, एआरओ अजीत कुमार सिंह, उप जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी सुनीता पटेल, एनएचएम से उपेंद्र मणि तिवारी, आदिल आदि रहे।