सैदपुर क्षेत्र में अधिकांश स्थानों पर धूमधाम से मनाया गया कान्हा जन्मोत्सव, आधी रात में घंट-घड़ियाल से गूंज उठा नगर





सैदपुर। मुहुर्त के असमंजस के चलते इस बार भी दो दिनों के चक्कर में जन्माष्टमी का उत्साह फीका पड़ गया। कुछ स्थानों पर बुधवार की रात में ही जन्माष्टमी मनाई गई तो कुछ स्थानों पर गुरूवार को जन्माष्टमी मनाई गई। जिसके चलते पर्व पर धार्मिक एकजुटता का माहौल देखने को नहीं मिल सका। इसी क्रम में बीती रात सैदपुर नगर में परम्परागत ढंगसे जन्माष्टमी का पर्व बेहद धूमधाम से मनाया गया। सभी मंदिरों सहित लोगों ने अनेक स्थानों पर श्रीकृष्ण जन्मोत्सव से संबंधित भव्य झांकियां सजाईं। सैदपुर नगर के गंगा किनारे स्थित महावीर घाट पर प्रसिद्ध राधाकृष्ण-महावीर मंदिर में राधाकृष्ण की अप्रतिम झांकी नगरवासियों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ था। आयोजक मंडल के रमेशचन्द्र बरनवाल, रामजी बरनवाल, पप्पू बरनवाल, पुजारी वीरेन्द्र आदि की देखरेख में सम्पूर्ण मंदिर परिसर को दुल्हन की तरह सजाया गया था। श्रद्धालुओं की भी मंदिर में भारी भीड़ रही। मंदिर में कीर्तन-भजन, जयघोष, आरती और प्रसाद वितरण के साथ जन्माष्टमी समारोहपूर्वक पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाई गयी। वहीं नगर के पक्का घाट स्थित मोहनलाल सेवा ट्रस्ट के धर्मशाला स्थित राम-जानकी मंदिर में भी जन्मोत्सव का आयोजन बड़े ही धूमधाम से किया गया। दर्शनार्थियों और श्रद्धालुओं के जयकारे से सम्पूर्ण वातावरण कृष्णमय हो गया था। जन्माष्टमी को लेकर भी इस बार दो दिनों का संशय बना रहा। लेकिन जानकारों के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र में हुआ था और इस नक्षत्र का अष्टमी तिथि में योग 6 सितंबर को ही बन रहा था। इसलिए अधिकांश स्थानों पर जन्माष्टमी बीती रात ही मनाई गई।



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