बासूचक में 23 मई को मनाई जाएगी विलायती बाबा की पुण्यतिथि





देवकली। क्षेत्र के बासूचक गांव स्थित अघोर पीठ विलायती बाबा का मठ लोगो की आस्था का प्रतीक है। यहां पर आगामी 23 मई को बाबा की पुण्यतिथि धूमधाम से मनाई जाएगी। यहां जो भी व्यक्ति मठ परिसर में प्रवेश करता है, वो सुख व शांति का अनुभव करता है। मान्यता है कि जो भी व्यक्ति श्रद्धा व विश्वास के साथ बाबा के समाधि स्थल पर मत्था टेककर पूजन-अर्चन करता है, उसकी मनोकामना अवश्य पूरी होती है। यहां प्रत्येक रविवार व मंगलवार को दूरदराज से लोग आएते हैं। बाबा विलायती का जन्म अंग्रेजों के समय में गाजीपुर के बासुदेवपुर गांव निवासी एक क्षत्रिय परिवार में हुआ था। अंग्रेजी हुकूमत में वो फौज में नौकरी करते थे। एक दिन उन्हें महसूस हुआ कि वो तो अपने ही लोगों के साथ लड़ रहे हैं। जिसके बाद वो नौकरी छोड़कर आत्मशांति की तलाश में निकल पड़े। इसके बाद 1942 में अघोर पंथ से प्रभावित होकर वो रामपुर मांझा स्थित अघोर पंथ मठ के मठाधीश गयाराम बाबा के संपर्क में आए और दीक्षा लेकर 5 साल तक चंदौली के रामगढ़ आश्रम में सेवा की। 1950 में उन्हें इस बासूचक मठ की जिम्मेदारी मिली और दीन-दुखियों की सेवा करते हुए 23 मई 1996 को वो ब्रह्मलीन हो गए। उनको बासूचक में ही बाबा सीताराम की समाधि के पास ही समाधीस्थ किया गया। तभी से हर वर्ष ये कार्यक्रम किया जाता है। समिति के कोषाध्यक्ष मोतीलाल ने बताया प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी अखण्ड रामायण पाठ सहित अनेक कार्यक्रम होंगे।



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