सैदपुर में हुए कई उलटफेर, पिछले चुनाव में चेयरमैन बनाने वाली बसपा को अबकी बार मिले सिर्फ 658 वोट, दो को छोड़ बाकी सभी की जमानत हुई जब्त





सैदपुर। नगर निकाय चुनाव में अबकी बार कई बड़े उलटफेर हुए हैं। इस चुनाव में 2017 की तरह एक बार फिर से दो प्रत्याशियों को छोड़कर बाकी हर एक की जमानत जब्त हो गई है। जमानत बचाने वाले दो लोगों में भी सिर्फ वहीं हैं, जिनमें से एक को जीत मिली है तो दूसरे को 459 वोटों से हार मिली है। शेष सभी पूरे रेस से ही बाहर हो गए थे। सबसे बड़ी विडंबना तो ये है कि जिस पार्टी का चेयरमैन 2017 के चुनाव में चुना गया था, उस पार्टी को इस चुनाव में सिर्फ 658 वोट ही मिल सके हैं। जिसके बाद लोगों में खूब चर्चा है। इस चुनाव में विजेता व भाजपा प्रत्याशी सुशीला सोनकर के अलावा सपा से सरिता सोनकर, कांग्रेस से पुष्पा सोनकर, बसपा से रिंकी सोनकर, सुभासपा से शांति देवी, लोकवाणी पार्टी से नगदी देवी व निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में सुरमिला देवी थीं। उनमें भाजपा की सुशीला ने तो 5707 वोट पाकर चुनाव जीत लिया और सरिता 5248 वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहीं। लेकिन इसके बाद हर किसी की स्थिति बेहद बुरी रही। जिसमें पिछले चुनाव में 1597 वोट पाने वाली कांग्रेस को इस बार सिर्फ 1005 वोट ही मिल सके। वहीं पिछले चुनाव में 4129 वोट पाकर चुनाव जीतकर चेयरमैन बनाने वाली पार्टी बसपा को इस बार सिर्फ 658 वोट मिले। हालांकि पिछले चुनाव में बसपा से वही सरिता सोनकर ने चुनाव लड़कर जीता था, जो इस बार साइकिल की सवारी कर रही थीं। लेकिन साइकिल की सवारी उन्हें रास नहीं आई और हार का मुंह देखना पड़ा। इसके अलावा सुभासपा को सिर्फ 53 वोट मिले तो लोकवाणी पार्टी की नगदी को 84 वोट मिले। वहीं निर्दलीय चुनाव लड़ीं सुरमिला को महज 20 वोट पर समेट दिया गया।



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