कुष्ठ रोगियों की खोज एवं उनके इलाज को लेकर हुई समीक्षा बैठक, लघु फिल्म के जरिए दी गई जानकारी





ग़ाज़ीपुर। कुष्ठ रोग लाइलाज नहीं बल्कि इसका इलाज है। इसी को लेकर कुष्ठ रोग नियंत्रण अभियान के तहत मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के सभागार में शनिवार को कुष्ठ रोग नियंत्रण अभियान की समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ एसडी वर्मा ने बताया कि कुष्ठ रोग को लेकर शासन द्वारा कुष्ठ रोग नियंत्रण अभियान चलाया जा रहा है। जिसको लेकर सभी ब्लाकों में एनएमए और एनएमएस को कुष्ठ रोगियों की खोज के साथ ही उनकी पहचान कर उनका इलाज कराने का कार्यक्रम चलाया जा रहा है।। इसी को लेकर सभी ब्लॉकों में इस अभियान को लेकर क्या स्थिति है, किन ब्लॉकों में क्या कमी है, उन कमियों को सुनकर उन्हें कैसे दूर किया जा सकता है, इन्हीं सब बातों को लेकर सभी ब्लॉकों से आए हुए एनएमए और एनएमएस का समीक्षा बैठक की गई। इस दौरान कुष्ठ रोग पर आधारित एक लघु फिल्म का भी प्रदर्शन किया गया, जिसके माध्यम से रोगियों को कैसे पहचानें और उनका इलाज किया जाएं, इसके बारे में बताया गया। उन्होंने बताया कि लेप्रोसी के मरीज़ों को अक्सर छुआछूत, कोढ़ और सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ता है। जागरुकता के अभाव की वजह से लोगों को लगता है कि यह छूने से फैलता है। जबकि ये बिल्कुल ग़लत है, संक्रामक बीमारी होने के बावजूद यह छूने या हाथ मिलाने, साथ में उठने-बैठने या कुछ समय के लिए साथ रहने से नहीं फैलती। हालांकि, यह संभव है कि लेप्रोसी पीड़ित व्यक्ति के साथ लंबे समय तक रहने से परिवार के सदस्य इसकी चपेट में आ सकते हैं। लेकिन, नियमित रूप से इसका चेकअप और बचाव करने से इससे बचा जा सकता है। इस मौके पर एसीएमओ डॉ जेएन सिंह, डॉ मनोज सिंह, जिला मलेरिया अधिकारी मनोज कुमार, जिला सुपरवाइजर जेपी सिंह, श्याम बिहारी, अभय कुमार आदि रहे। अध्यक्षता प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ उमेश कुमार ने की।



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