गाजीपुर को मुख्यमंत्री ने दी नए थाने की सौगात, यहां स्वीकृत हुआ नया थाना, डीएम व एसपी ने किया स्थलीय निरीक्षण





करंडा। गाजीपुर को एक नए थाने की सौगात मिली है। करंडा के अलावा नया थाना रामपुर मांझा गांव में बनने वाला है। जिसके लिए शासन द्वारा भी घोषणा की जा चुकी है। इस थाने को रामपुर मांझा थाने के नाम से जाना जाएगा। दरअसल, रामपुर मांझा के नाम से चल रही पुलिस चौकी को ही थाने का दर्जा शासन से मिल चुका है। अब इसे सिर्फ क्रियान्वित करना बाकी है। हालांकि कि ऐसा नहीं थाना बनने के बाद चौकी को बंद कर दिया जाएगा, बल्कि वो भी सुचारू रहेगा। थाने के लिए सोमवार को जिलाधिकारी आर्यका अखौरी व पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह नारी पंचदेवरा गांव स्थित पंचायत भवन पर पहुंचे। उक्त भवन परिसर में ही फिलहाल अस्थाई तौर पर थाने को चलाए जाने की तैयारी की जा रही है। डीएम व एसपी मौके पर पहुंचने के बाद जहां पंचायत भवन का निरीक्षण किया, वहीं बगल में मौजूद धर्मशाले का भी निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने अधीनस्थों को आवश्यक दिशा निर्देश दिया। इसके पश्चात रामपुर मांझा चौकी व वहीं स्थित एक जमीन का निरीक्षण किया। उपजिलाधिकारी ओमप्रकाश गुप्ता ने बताया कि शासन से रामपुर मांझा चौकी को थाने में बदलने की मंजूरी मिल चुकी है और इसे थाना भी घोषित किया जा चुका है। उसी के निरीक्षण व क्रियान्वयन के लिए डीएम व एसपी आए थे और निरीक्षण किया। इस बाबत सैदपुर के क्षेत्राधिकारी हितेंद्र कृष्ण ने बताया कि रामपुर मांझा थाना सदर सर्किल में पड़ेगा। बताया कि इसके लिए रामपुर मांझा में ही एक जमीन को चिह्नित किया गया है। बताया कि संभव है कि भवन निर्माण के बाद थाना व चौकी आसपास ही चले। बताया कि फिलहाल जब तक चिह्नित जमीन पर थाने का भवन नहीं बन जाता, तब तक नारी पंचदेवरा के पंचायत भवन परिसर में ही अस्थाई रूप से थाने का क्रियान्वयन किया जाएगा। इसके लिए पंचायत भवन में तैयारियां शुरू की जा रही हैं। बताया कि रामपुर मांझा चौकी को खत्म नहीं किया जाएगा। बता दें कि अब तक सैदपुर के बाद कई मील दूर करंडा थाना पड़ता था। जिसके चलते बीच के क्षेत्र में आपराधिक घटनाएं काफी होती थीं। वहीं फरियादियों को भी करंडा या सैदपुर थाने पर जाना पड़ता था। लेकिन अब रामपुर मांझा थाना बन जाने के बाद लोगों को काफी सहूलियत होगी। लोगों ने भी इस खबर के बाद खुशी जताई। इस मौके पर सीडीओ श्रीप्रकाश गुप्ता, एसपी सिटी गोपीनाथ सोनी समेत कई अधिकारी रहे। इसके अलावा जिलाधिकारी राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय भी पहुंचीं। वहां उन्होंने कार्यालय खोलने को कहा लेकिन कर्मचारी ने बताया कि चाबी नहीं है। कोई लेकर चला गया है। जिस पर उन्होंने नाराजगी जताई।



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