मानस सम्मेलन के 5वें दिन महावीर हनुमान जन्म व अहिल्या उद्धार का हुआ प्रवचन, श्रीराम विवाह देख लोग झूमे
देवकली। स्थानीय ब्रह्म स्थल परिसर में चल रहे मानस सम्मेलन के पांचवें दिन कथा वाचक देवी रत्नमणि ने हनुमान जन्म व अहिल्या उद्धार समेत कई कथाओं का प्रवचन किया। कहा कि राजा दशरथ जब देवराज इन्द्र के दरबार से लौट रहे थे तो उन्हें पता चला कि वो जिस सिंहासन पर बैठे थे, उसका जल से शुद्धिकरण किया गया है। पता चला कि उन्हें पुत्र न होने के चलते ऐसा किया गया है। जिससे उन्हें काफी ग्लानि हुई। वो गुरु वशिष्ठ के पास पहुंचे तो उन्होंने श्रृंगी ऋषि के माध्यम से यज्ञ कराया। हवन से निकली खीर चारों रानियों को दिया गया। लेकिन रानी सुमित्रा की खीर चील ने झपट्टा मारकर अंजनी के आंचल में गिरा दिया, जिससे महावीर हनुमान का जन्म हुआ। जिससे वो पांचवें भाई के रुप में माने जाते हैं। देवी ने श्रीराम द्वारा जनकपुर जाते समय देवी अहिल्या का उद्धार किए जाने की भी कथा सुनाई। इसके बाद राम-सीता विवाह आदि के बारे में बताया। विवाह की झांकी के दौरान पूरा पंडाल गीत, भजन आदि से गूंज उठा। इस मौके पर प्रभुनाथ पांडेय, अरविन्द लाल श्रीवास्तव, नरेन्द्र कुमार मौर्य, सोनू वर्मा, दयाराम गुप्ता, त्रिलोकी नाथ गुप्ता, अशोक कुशवाहा, अवधेश मौर्य, रामनरेश मौर्य, पंकज बरनवाल आदि रहे।