गर्भावस्था में ईश्वर से किए वादों को भूलने से ही धरती पर दुःख भोगता है मनुष्य - फलाहारी महाराज





देवकली। क्षेत्र के देवचंदपुर स्थित हनुमान मंदिर पर प्रवचन कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस दौरान संत जयप्रकाश दास फलाहारी महाराज ने कहा कि 84 लाख योनियों में भटकने के पश्चात मानव तन मिला है। जिसमें जीव परमात्मा का भजन करके आत्म साक्षात्कार कर सकता है और धरती पर आवागमन के बंधन से मुक्त हो सकता है। कहा कि जीव जब नौ माह तक मां के गर्भ में रहता है तो नाना प्रकार के कष्ट सहन करता है। उस समय प्रभु से विनती करता है। कहता है कि हे प्रभु इस नर्क से बाहर करो तो मैं आपका भजन करुंगा, परन्तु बाहर आने के बाद वादों को भूल जाता है। यही मानव दुःख का प्रमुख कारण है। कहा कि इस धराधाम पर संत किसी न किसी रुप में सदैव विद्यमान रहकर जीवों को परमात्मा से मिलाने का कार्य करते हैं। जब करोड़ों जन्मों का पुण्य उदय होता है तो परमात्मा का दर्शन होता है। बताया कि सैदपुर के गायघाट स्थित संकट मोचन मंदिर पर आगामी 21 नवंबर को रामचरित मानस पाठ के साथ ही 22 नवंबर को विशाल संत भंडारे का आयोजन किया गया है।



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