किसानों की आय बढ़ाने का सरकार का दावा फ्लॉप कर रहे कारिंदे, सहकारी समितियों से नदारद हुई डीएपी
भीमापार। किसानों की आय दोगुनी करने के लिए सरकार तमाम योजनाएं चला रही हैं। योजनाओं पर करोड़ों खर्च के बाद भी किसानों की समस्या कम नहीं हो रही है। मानसून दस्तक दे चुका है। धान की रोपाई भी शुरू हो गई है। इसके विपरीत साधन सहकारी समितियों के गोदाम खाली हैं। जरूरत के समय सहकारी समितियों पर डीएपी नदारद है। किसान लगातार खाद के लिए सहकारी समितियों के चक्कर लगा रहे हैं। खाद, बीज व सिंचाई में कोई समस्या न हो इसे लेकर प्रदेश की योगी सरकार गम्भीर है। इसके लिए जिम्मेदारों को कड़े निर्देश भी दिये गए हैं, लेकिन विभागीय अधिकारियों की उदासीनता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि क्षेत्र के भीमापार, बहरियाबाद, पलिवार, सरसौली, सादात, परसनी, उचौरी, मौधा, नायकडीह सहकारी समितियों पर डीएपी उपलब्ध नहीं है। किसानों का कहना है कि जरूरत के समय सहकारी समितियों से डीएपी नदारद है। इसे लेकर किसान परेशान हैं। वहीं जिले पर डीएपी स्टाक होने का दावा कर रहा है। लेकिन हकीकत में किसान एक-एक बोरी खाद के साधन सहकारी समितियों के चक्कर लगा रहे हैं। वहीं दुकानदार ज्यादा दाम वसूलने के साथ अवैध रूप से भी खाद की बिक्री कर रहे हैं। भीमापार सहकारी समिति के सचिव बृजेन्द्र नाथ पान्डेय ने बताया कि डीएपी खाद दो से तीन दिन के अन्दर आ जायेगी और किसानों को नये रेट पर डीएपी खाद दी जायेगी।