जर्जर हो चुके सैदपुर के डेढ़ दर्जन सरकारी स्कूल दे रहे बड़े हादसे को न्योता, हादसे की बाट जोह रहा विभाग





खानपुर। क्षेत्र के डेढ़ दर्जन परिषदीय विद्यालय अपनी जर्जर अवस्था से किसी बड़े हादसे को न्योता दे रहे है। बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय विद्यालयों में अतिरिक्त कक्षा कक्ष के निर्माण में इस कदर धांधली हुई कि तीन पठन कक्ष 15 से 20 साल में ही जर्जर हो गए। आधा दर्जन पठन कक्ष 20 से 25 साल में ही जर्जर घोषित कर दिए गए। यहां खास यह है कि विद्यालयों में कक्षाओं का निर्माण संबंधित विद्यालयों के शिक्षकों द्वारा ही कराया गया था। घटिया निर्माण सामग्री के प्रयोग से यह भवन समय से पहले ही जर्जर हो गए। सैदपुर ब्लाक के डेढ़ दर्जन परिषदीय विद्यालयों के भवन और कक्षा कक्ष जर्जर घोषित किए गए है। चिलौना कलां और लोहसड़, रफीपुर के भवन वर्ष 2005-07 में बने हैं। दिनौरा विद्यालय का भवन मात्र 25 तो कोटिसा का 30 साल में ही जर्जर हो गया। मढ़िया का परिषदीय स्कूल 1948 और मुड़ियार का 1955 में बना था। फरिदहां, मुड़ियार, फत्तेपुर, पटना, कोटिसा, सिंहपुर, घोघवां, रफीपुर, सैदपुर-1, श्रृंगारपुर, दिनौरा और मढ़िया के मुख्य भवन जर्जर हालत में हैं। जहां इस बरसात के मौसम में बच्चों का अंदर बैठकर पढ़ना खतरनाक साबित हो सकता है। इसके अलावा लोहसड़, उचौरी, तरायें और चिलौना कलां के एकल भवन की स्थिति दयनीय है। ग्रामीणों का कहना है कि इन विद्यालयों में घटिया निर्माण सामग्री का प्रयोग किए जाने से ऐसी हालत हुई है। लाखों रुपये की लागत कक्षा कक्षों का निर्माण कराया गया था। लेकिन खराब गुणवत्ता के चलते यह भवन कुछ सालों में ही जर्जर अवस्था में पहुंच गए। खंड शिक्षा अधिकारी के सूची के अतिरिक्त लगभग दो दर्जन विद्यालयों का भवन भी जर्जर हालत में हैं।



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