लेखपाल साहब! आपकी दवाई लेकर आए हैं, आप कहां हैं? इतना सुनते ही जाल में फंस गए लेखपाल, गए जेल





नंदगंज। जनपद के जखनियां तहसील के लेखपाल के रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़े जाने के बामुश्किल अभी एक सप्ताह ही हुए होंगे कि एक बार फिर से एक लेखपाल को एंटी करप्शन की टीम ने रंगे हाथ रिश्वत लेते हुए धर दबोचा और थाने लेकर आए। घटना के बाद तहसील क्षेत्र के लेखपालों में हड़कंप मच गया। सैदपुर तहसील के रमेश सोनकर बरहपुर हलके के लेखपाल हैं। नंदगंज के इशोपुर गांव निवासी योगेंद्र यादव का आरोप है कि सरकारी नाली पर कुछ काश्तकारों ने अवैध कब्जा कर लिया है, जिससे पानी नहीं बह पाता है। ऐसे में जमीन व नाली नपवाने के लिए उसने हलका लेखपाल से कहा तो उन्होंने 10 हजार रूपए के रिश्वत की मांग की। जिसके बाद योगेंद्र ने जखनियां में लेखपाल को पकड़े जाने की घटना के बाद वाराणसी की एंटी करप्शन की टीम से संपर्क किया तो उन्होंने उसे केमिकल में रूपया डुबोकर दे दिया और खुद सादे कपड़ों में हो गए। योगेंद्र ने फोन पर लेखपाल रमेश से पूछा कि वो कहां पर हैं और कोडवर्ड में कहा कि उन्हें दवाई देनी है। नंदगंज कोतवाली से कुछ ही दूर पारस की गली में स्थित इंदिरा बालिका उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में परीक्षा केंद्र बनाए जाने के पूर्व निरीक्षण करने पहुंचे लेखपाल ने योगेंद्र को कहा कि वो स्कूल पर हैं। जिसके बाद योगेंद्र वहां पहुंचा और केमिकल में डुबोए गए रूपयों को उन्हें दे दिया। रूपया देते ही वहां मौजूद एसीबी की टीम ने उन्हें दबोच लिया और लेकर थाने आए। यहां कागजी कार्रवाई की गई। वहीं आरोपी लेखपाल ने सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने किसी भी रूपए की मांग नहीं की थी। योगेंद्र ने उनकी जेब में जबरदस्ती रूपए रखे थे। इस दौरान टीम में एसीबी के निरीक्षक संतोष कुमार दीक्षित, निरीक्षक उपेंद्र सिंह यादव, निरीक्षक संध्या सिंह, हेकां शैलेंद्र राय, सुनील यादव, पुनीत सिंह व कां सुमित भारती रहे।



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