सड़क दुर्घटना में मृत जवान की निकली अंतिम यात्रा, लोगों ने दी श्रद्धांजलि, सत्तापक्ष व प्रशासन ने बनाई दूरी
दिलदारनगर। क्षेत्र के फूली गांव स्थित शाहपुर निवासी सेना में हवलदार के पद पर तैनात मुक्खन सिंह का पार्थिव शरीर सोमवार की देर रात उनके पैतृक गांव पहुंचा। पार्थिव शरीर घर पहुंचते ही चारो तरफ चीख-पुकार मच गई और पूरे गांव का माहौल गमगीन हो गया। अगले दिन सुबह शव यात्रा निकाली गई, जहां सभी ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। बता दें कि मुक्खन सिंह 44 पुत्र सिरताज सिंह सेना में हवलदार के पद पर जम्मू कश्मीर के पुंछ राजौरी में तैनात थे। बीते 7 नवंबर को वो परिवार के साथ छुट्टी लेकर छठ मनाने के लिए घर आ रहे थे, लेकिन रास्ते में ही वाराणसी बस स्टैंड पर सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गए थे। जिसके बाद से ही उनका उपचार सेना के कमांड हॉस्पिटल लखनऊ में चल रहा था। लेकिन बीते 14 नवंबर को उपचार के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। सेना के अधिकारी और परिजन जवान का तिरंगा में लिपटा हुआ शव लेकर सोमवार की देर रात घर पहुंचे। जवान का शव घर पहुंचते ही परिजनों में चारों तरफ से चीख-पुकार मच गई और पूरा माहौल गमगीन हो गया। सुबह से ही सांत्वना देने और श्रद्धांजलि देने के लिए काफी संख्या में लोग इकट्ठा होने लगे थे। मंगलवार की सुबह सेना के स्टेशन हेड क्वार्टर गोरखा रेजीमेंट वाराणसी से पहुंचे जवानों ने सम्मान में जवान के शव पर पुष्प चक्र अर्पित किया। इसके बाद पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह पहुंचे और जवान के शव पर पुष्प गुच्छ अर्पित किया। जवान की अंतिम यात्रा पैतृक गांव से निकलकर जमानियां स्थित गंगा तट पर पहुंची, जहां पर गोरखा रेजीमेंट वाराणसी से आए हुए सेना के जेसीओ और जवानों ने अपने साथी जवान को सलामी दी। अंतिम यात्रा में काफी संख्या में क्षेत्रीय लोग और जनप्रतिनिधि शामिल हुए। जगह-जगह पर जवान की अंतिम यात्रा को देखने और श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए लोग इकट्ठे थे और पूरे रास्ते भर भारत माता की जय, मुक्खन सिंह अमर रहें के नारे गूंजते रहे। मुखाग्नि जवान के पिता सिरताज सिंह ने दी। मुक्खन अपने पीछे वृद्ध माता-पिता समेत पत्नी सविता देवी, दो पुत्र तथा दो पुत्रियों को छोड़ गए हैं। सबसे बड़ी पुत्री सोनम 21, छोटी पुत्री मुस्कान 17, बड़ा पुत्र विशाल 16 व छोटा पुत्र प्रिंस 11 वर्ष का है। जवान का एक छोटा भाई भी है जो घर पर रहकर पिता के साथ खेती बाड़ी का काम करता है। अंतिम यात्रा में पूर्व डीआईजी स्टांप ओमप्रकाश सिंह यादव, ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि संतोष कुशवाहा, जिपं सदस्य आकाश यादव, अजय यादव, अनिल यादव, प्रमोद यादव, विजय यादव, मनोज यादव, प्रधान श्यामनारायण सिंह आदि रहे। वहीं अंतिम यात्रा में सत्तापक्ष के किसी जनप्रतिनिधि या प्रशासनिक अमले का शामिल न होना, लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ था।