7 दिवसीय भागवत् सत्संग का हुआ आयोजन, भक्ति सागर में सैकड़ों लगा रहे गोता
खानपुर। क्षेत्र के अमेहता में वृन्दावन से आये कथावाचक दीपक कृष्णशास्त्री 22 अक्टूबर से रोजाना श्रद्धालुओं को कथा का श्रवण करा रहे हैं। बुधवार को कथावाचक ने महाराज परीक्षित के जीवन चरित्र, सुखदेव जी का वृतान्त, कलयुग व महाराज परीक्षित के बीच संवाद, कलयुग का आगमन व भगवान ब्रह्मजी की उत्पति के बारे में विस्तार से वर्णन किया। उन्होंने भगवान कपिल अवतार का प्रसंग के साथ ही भगवान के विभिन्न अवतारों की महत्ता समझाई। भगवत् महत्ता समझाते हुए कहा कि इसके चार अक्षर का तात्पर्य यह है कि भ से भक्ति, ग से ज्ञान, व से वैराग्य और त से त्याग है। सात दिवसीय संगीतमय भागवत सत्संग ज्ञानयज्ञ एवं महारुद्राभिषेक में स्वामी हरिहरानंद के सानिध्य में आयोजित कथा सागर में प्रतिदिन शाम छह बजे से बड़ी संख्या में स्त्री पुरूष श्रद्धालु भागवत के कथा सागर में गोते लगाते हैं। सहयोगी राकेश मिश्रा, तहसीलदार सिंह, श्यामाचरण मिश्रा, कैलाश श्रीवास्तव, अशोक गुप्ता, ऋषिकेश सहित क्षेत्रीय श्रद्धालुओं की सहभागिता से यह आयोजन चल रहा है। ग्रामप्रधान सरिता मिश्रा ने बताया कि प्रतिदिन भागवत कथा के साथ भगवान शिव का रुद्राभिषेक भी किया जाता है। गुरुवार को प्रवचन समाप्ति के बाद शुक्रवार 29 अक्टूबर को महायज्ञ की पूर्णाहुति एवं महा प्रसाद के भंडारे का आयोजन किया गया है।