गंगा नदी के पारिस्थितिकी तंत्र को सुदृढ़ करने को मत्स्य विभाग ने कसी कमर, नदी में छोड़ी डेढ़ लाख मछलियां





सैदपुर। भारत की जीवन रेखा कही जाने वाली गंगा नदी को स्वस्थ व दुरूस्त करने के लिए सरकार ने फिर से कमर कस ली है। मत्स्य विभाग के तत्वावधान में राष्ट्रीय मात्स्यिकी विकास बोर्ड द्वारा शुक्रवार को रिवर रैचिंग यानी सैदपुर नगर से गंगा नदी में लाखों की संख्या में मछलियों को छुड़वाया गया। इस दौरान लखनऊ से आई विभागीय टीम ने नगर के सभासदों व जनप्रतिनिधियों को कतला, रोहू, नैन आदि मछलियों की प्रजाति की डेढ़ लाख मछलियां उपलब्ध कराईं। इसके बाद नाव से नदी में जाकर उन सभी मछलियों को नदी में छोड़ दिया गया। गंगा किनारे रहने वाले नपं के पूर्व चेयरमैन हरिनाथ सोनकर ने मछलियों को नदी में छोड़ते हुए बताया कि मछलियां किसी भी नदी के सुदृढ़ पारिस्थितिकी तंत्र के लिए सबसे आवश्यक होती हैं। नदियों का बेहतर स्वास्थ्य उसमें बहुतायत मात्रा में पाए जाने जलीय जीवों के स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। कहा कि इतनी अधिक मात्रा में मछलियां निश्चय ही नदी को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी और इसका असर भी देखने को मिलेगा। इस मौके पर सभासद संतोष सोनकर, हिमांशु सोनी, बृजेश जायसवाल, राजेश सोनकर, प्रतिनिधि लोकनाथ मांझी, अनुराग जायसवाल, अशोक कांस्यकार, अनिल सोनी, अंकित वर्मा आदि रहे।



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