अपील : शिक्षक-अभिभावक निभाएं अपनी जिम्मेदारी, बच्चों को सिखाएं कोविड-19 की समझदारी
गोरखपुर। बड़े बच्चों की कक्षाएं शुरू हो चुकी हैं और एक सितंबर से कक्षा एक और उससे ऊपर की कक्षाओं के बच्चों की पढ़ाई भी शुरू हो जाएगी। जिले में कोविड नियंत्रण में है लेकिन देश के कुछ हिस्सों में कोविड के मरीज अब भी मिल रहे हैं। इस बीच त्योहारों की शुरूआत भी हो चुकी है। ऐसे में कोविड की संभावित तीसरी लहर से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग ने स्कूलों के शिक्षकों और बच्चों के अभिभावकों से सतर्कता की अपील की है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुधाकर पांडेय ने कहा है कि शिक्षकों और अभिभावकों का संयुक्त दायित्व है कि बच्चे कोविड नियमों का पालन करते हुए ही कक्षाओं में पढ़ाई करें। बताया कि स्कूलों में पढ़ाई के संबंध में शासन से विस्तृत दिशा-निर्देश सभी विद्यालयों को प्राप्त हो चुके हैं। उन दिशा-निर्देशों का पालन अवश्य करें। कक्षाओं का सेनेटाइजेशन आवश्यक है और सभी बच्चे और शिक्षक मॉस्क लगाकर ही पठन-पाठन में शरीक होंगे। बच्चों के हाथों की स्वच्छता पर विशेष ध्यान देना होगा। घर पर ही बच्चों के अभिभावक हाथों को सुमन-के विधि से साबुन पानी से धोने या सेनेटाइज करने के बारे में विशेष तौर पर प्रशिक्षित करें। स्कूल में शिक्षक इस बात का ध्यान रखें कि बच्चा लंच के समय बिना सेनेटाइज किये हाथों से खाने का सेवन न करें। पढ़ाई के दौरान एक बच्चे से दूसरे बच्चे के बीच की दूरी का भी ध्यान रखा जाए। अगर किसी बच्चे में सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार आदि के लक्षण हैं तो विद्यालय अभिभावकों को सूचित करे और बच्चे को तुरंत चिकित्सक को दिखाएं। बताया कि बच्चों को यह खासतौर पर सिखाना है कि वह नाक, मुंह और आंख को हाथों से न छुएं। नाखून छोटे रखने हैं और स्कूल से घर आने के बाद अभिभावक की जिम्मेदारी है कि वह बच्चे के कपड़े तुरंत धुलने को डाल दें। जूते, बैग आदि सेनेटाइज कर दें। बच्चे को अगर बुखार आ रहा है तो अस्पताल जाने में देरी नहीं करना है। न तो अपने मन से दवा देनी है और न ही किसी अप्रशिक्षित चिकित्सक की सहायता लेनी है। उन्होंने कहा कि किसी भी किस्म का बुखार होने पर यदि समय से चिकित्सक के पास पहुंचा जाए तो बीमारी की जटिलताएं कम हो जाती हैं।