आयुष्मान कार्ड के चलते ससमय स्वस्थ्य हुए युवा सुनील और वृद्ध मार्कंडेय, जागरूकता के चलते मिला लाभ
गोरखपुर। अगर पहले से आयुष्मान कार्ड (गोल्डेन कार्ड) बनवा कर रखते हैं तो जरूरत पड़ने पर अस्पताल में भर्ती होने की प्रक्रिया में नष्ट होने वाला समय बच जाता है। इसी समझदारी का नतीजा रहा कि युवक सुनील और बुजुर्ग मार्कंडेय को निजी अस्पतालों में समय से निःशुल्क इलाज प्राप्त हुआ। सुनील स्वस्थ हो चुके हैं और मार्कंडेय के स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है। दोनों परिवार प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) के तहत मिली सुविधा से संतुष्ट हैं। जिन लोगों का नाम योजना की सूची में पहले से होता है उन्हीं का कार्ड बनता है। पॉली ब्लॉक के घघसरा गांव के रहने वाले सुनील ने बताया कि जुलाई में उन्हें पता चला कि किडनी में स्टोन है। इसके कारण उनकी हालत काफी खराब हो गयी थी। उनके परिवार में चार लोग हैं, उनका और माता-पिता का आयुष्मान कार्ड पहले ही बन चुका है। क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता आशा देवी ने उन्हें प्रेरित कर छह महीने पहले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से उनका कार्ड बनवा दिया था। जुलाई में जब उन्हें स्वास्थ्य संबंधित दिक्कत हुई तो योजना से संबद्ध पल्स हॉस्पिटल गये और वहां सिर्फ वेरीफेकशन कर उनका इलाज शुरू कर दिया गया। अब वह स्वस्थ हैं और पूरी तरह संतुष्ट हैं। उनका कहना है कि सभी लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड पहले से बनवाकर रख लेना चाहिए। खजनी के माल्हनपार चौराहे के निवासी मार्कंडेय के रीढ़ की हड्डी में दिक्कत थी। उनके पुत्र राजनारायण ने बताया कि कार्ड के लिए पंजीकरण पहले से हो गया था और हार्ड कॉपी अभी नहीं मिल पायी थी। जुलाई में पिता को लेकर उनके बड़े भाई लाइफ केयर हॉस्पिटल गये। वहां वेरिफिकेशन के बाद पिता का इलाज हुआ और सर्जरी के बाद अब वह स्वस्थ हो रहे हैं। उनका पूरा परिवार निःशुल्क इलाज की सुविधा से संतुष्ट है। योजना के जिला शिकायत प्रबंधक विनय कुमार पांडेय का कहना है कि वर्तमान में इस योजना का लाभ सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण 2011 में सम्मिलित पात्र परिवार उठा सकते हैं। 2011 के बाद परिवार में सम्मिलित नयी बहु एवं नए बच्चे का जन्म हुआ हो तो वह भी विवाह प्रमाण पत्र एवं जन्म प्रमाण पत्र दिखा कर योजना का लाभ उठा सकते हैं।