एसडीएम से 3 घंटे की हुज्जत के बाद हुआ नवनिर्वाचित प्रधान पुत्र का अंतिम संस्कार, 5 सूत्रीय मांगों में एसओ को भी हत्यारोपी बता की कार्रवाई की मांग





सादात। थानाक्षेत्र के गौरा गांव में चुनावी रंजिश में चली गोली में घायल प्रधान पुत्र की मंगलवार को उपचार के दौरान मौत हो गई। मौत के बाद मंगलवार की रात मृतक का शव घर आया, जिसके बाद वहां पूरे गांव की भीड़ जुट गई। परिजनों के करूण क्रंदन से वहां मौजूद सभी लोग बिलखने लगे। इधर युवक की मौत के बाद ही पूरे गांव को छावनी में तब्दील कर दिया गया और हर जगह पुलिसकर्मी समेत पीएसी तैनात कर दी गई, ताकि किसी भी तरह की अनैतिक स्थिति से निबटा जा सके। इधर घटना के विरोध में परिजनों ने बुधवार को शव का अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया। हालांकि करीब 3 घंटों तक एसडीएम द्वारा समझाने के बाद उन्होंने 5 सूत्रीय ज्ञापन देकर अंतिम संस्कार किया। गौरा गांव में प्रधान पद के लिए महावीर कुमार ने अपनी मां धनपति देवी का उम्मीदवार बनाकर प्रचार किया था और परिणाम आने के बाद धनपति को ग्रामीणों ने अपना प्रधान भी चुन लिया था। बीते 28 अप्रैल को मां के प्रचार के लिए जाने के दौरान बदमाशों ने उसे गोली मार दी थी। तभी से उसका उपचार वाराणसी में चल रहा था, लेकिन मंगलवार को उसकी मौत हो गई। मौत होते ही पुलिस ने घटना के नामजद व 29 मुकदमाधारी गैंगस्टर में निरूद्ध पूर्व प्रधान मनोज सिंह को नाटकीय ढंग से अवैध तमंचे संग गिरफ्तार करते हुए जेल भेज दिया। इधर देर रात महावीर का शव आने के बाद गांव में कोहराम मच गया। परिजन बिलखने लगे। अगले दिन सुबह परिजनों ने महावीर के शव का अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया। कहा कि उन्होंने हत्यारोपी मनोज सिंह के बारे में पहले ही पुलिस से शिकायत की थी, इसके बावजूद पुलिस ने मिलीभगत होने के चलते उसे गिरफ्तार नहीं किया। जबकि चुनाव के दौरान पुलिस गैंगस्टर व हत्या जैसे आरोप में निरूद्ध बदमाशों को गिरफ्तार करते हुए जेल भेज रही थी। लेकिन पूर्व प्रधान मनोज सिंह पर जिले के 3 थानों में हत्या, लूट, गैंगस्टर, आर्म्स एक्ट, गुंडा एक्ट आदि जैसे 29 गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज होने के बावजूद पुलिस ने मनोज सिंह से मिलीभगत के चलते उसे गिरफ्तार नहीं किया। इसके बाद परिजन जिलाधिकारी को मौके पर बुलाने की मांग पर अड़ गए। कुछ देर बाद पहुंचे एसडीएम विक्रम सिंह ने परिजनों को समझाया। करीब 3 घंटे तक समझाने के बाद पिता नंदलाल ने 5 सूत्रीय मांगपत्र दिया। उन्होंने 50 लाख रूपए मुआवजा, महावीर की बीएड डिग्री के आधार पर सरकारी नौकरी, महावीर के बच्चों को अच्छी शिक्षा व स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए प्रशस्ति पत्र व परिवार की सुरक्षा के लिए 2 असलहों का लाइसेंस की मांग के अलावा थानाध्यक्ष दिव्यप्रकाश सिंह पर बड़ा आरोप लगाया। कहा कि शिकायत के बावजूद थानाध्यक्ष द्वारा इतने बड़े अपराधी के खिलाफ कार्रवाई न करके साजिशन हत्या कराने के आरोप में थानाध्यक्ष के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाए। जिस पर एसडीएम ने कहा कि वो शासन तक इस पत्र को भेजेंगे। करीब 3 घंटे के विरोध के बाद परिजन शव के अंतिम संस्कार को तैयार हुए और शव को रिवाजों के अनुसार दफनाया। इस मौके पर सीओ बीएस वीर कुमार समेत कई थानों की फोर्स मौजूद रही।



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