करंडा : इंडियन नेवी में नौकरी पाने को खुद ही फर्जी चरित्र प्रमाणपत्र बनाकर कर दिया एसपी का साइन, नौसेना की तत्परता से खुलासा, मुकदमा दर्ज





करंडा। सरकारी नौकरी की चाहत में एक युवक ने फर्जीवाड़े की सारी सीमाएं लांघ दी और भारतीय नौसेना में शामिल होने के लिए खुद से ही अपना फर्जी चरित्र प्रमाण पत्र जारी कर लिया और उसे जमा भी कर दिया। लेकिन खुलासा होने पर अब उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पुलिस उसकी जांच में जुट गई है। मामला करंडा के सईतापट्टी का है। गांव निवासी आदित्य सिंह ने खुद पर दर्ज आपराधिक मुकदमों को छिपाकर भारतीय नौसेना में शामिल होने के लिए अपने ही हाथों से न केवल फर्जी चरित्र प्रमाण पत्र तैयार किया, बल्कि उस पर पुलिस अधीक्षक की नकली मुहर और कूटरचित हस्ताक्षर भी कर लिया। इसके बाद ये प्रमाणपत्र उसने अपने दस्तावेज़ के साथ भारतीय नौसेना में जमा किया। लेकिन मामले का खुलासा तब हो गया, जब भारतीय नौसेना चिल्का की पीआरओ नम्रता पंत ने इस दस्तावेज के मिलने के बाद बीते 17 अप्रैल को गाजीपुर पुलिस को एक ईमेल भेजा और प्रमाणपत्र की वैधता जांचने को कहा। ईमेल मिलते ही गाजीपुर पुलिस हरकत में आई और चरित्र सत्यापन की प्रक्रिया शुरू की। जांच में स्पष्ट हुआ कि ये प्रमाण पत्र जिले के किसी भी कार्यालय से जारी नहीं हुआ है और उस पर लगे मुहर और हस्ताक्षर भी नकली हैं। इस बात का पता चलते ही विभाग के भी कान खड़े हो गए और बारीकी से पड़ताल की गई तो पता चला कि आदित्य सिंह के खिलाफ आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। ऐसे में मुकदमे के रहते वो नौकरी हासिल नहीं कर सकता था। इसी वजह से उसने ये फर्जी प्रमाणपत्र बनाए। इस तरह के प्रमाणपत्र को देख इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज़ से बेहद गंभीर मामला माना जा रहा है। वहीं मामले के खुलासे के बाद चरित्र सत्यापन लिपिक यज्ञ नारायण ने आरोपी आदित्य सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। जिसके बाद पुलिस उसकी तलाश में जुट गई है। लेकिन मामले के खुलासे की भनक लगते ही आरोपी घर से फरार हो चुका है।



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