कासिमाबाद : चकमार्ग व नाली की नापी के नाम पर घूस ले रहा लेखपाल रंगेहाथ धराया, ग्रामीणों ने विरोध कर टीम का रोका रास्ता
कासिमाबाद। एंटी करप्शन की टीम ने एक और लेखपाल को नाली व चकमार्ग की पैमाइश करने के नाम पर 5 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगेहाथ धर दबोचा। हालांकि घटना के बाद मौके का ही एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें लेखपाल को गिरफ्तार करके ले जा रही टीम का गांव के लोग पीछा कर रहे हैं तो उसमें सादे कपड़ों में मौजूद एक व्यक्ति ने कहा कि ये एंटी करप्शन प्रधान जी, जबरदस्ती मत करिए, जबरदस्ती करेंगे तो आप पर भी मुकदमा लिखा जाएगा। इसके बाद वो लेखपाल को लेकर चले गए। जाने के बाद भारी संख्या में लोग थाने में भी जुट गए और कहा कि लेखपाल को फर्जी फंसाया जा रहा है। हुआ ये कि मरदह के पिपनार गांव निवासी चंद्रजीत यादव पुत्र विंध्याचल यादव ने वाराणसी के एंटी करप्शन टीम से शिकायत किया कि नाली व चकमार्ग के नापी के लिए कासिमाबाद तहसील का लेखपाल श्यामसुंदर पुत्र अनिल कुमार निवासी बेलासी, करंडा 5 हजार रूपए की रिश्वत मांग रहा है। जिसके बाद टीम ने जाल बिछाया और पीड़ित को केमिकल लगे 5 हजार रूपए देकर भेज दिया। इसके बाद पीड़ित ने लेखपाल को ओम इंटरनेशनल स्कूल के पास बुलाया और वहां तिराहे पर जैसे ही रूपए दिए, सादे कपड़ों में मौजूद टीम ने उसे दबोच लिया। इसके बाद लेखपाल ने पहले उनके कब्जे से छूटकर भागने का प्रयास किया। लेकिन जब नहीं भाग सका तो वो शोर मचाकर ग्रामीणों को बुलाने लगा। इसके बाद संभवतः प्रधान समेत काफी संख्या में ग्रामीण पहुंच गए और होहल्ला करते हुए टीम का रास्ता रोक लिया। जिस पर एंटी करप्शन टीम ने अपना परिचय दिया, इसके बावजूद वो लेखपाल को निर्दोष बताते हुए छुड़ाने का प्रयास कर रहे थे। टीम उसे लेकर शहर कोतवाली पर पहुंची तो वहां भी भीड़ जुट गई। उनका कहना था कि लेखपाल को फर्जी फंसाया जा रहा है। लेकिन टीम ने उसके हाथ केमिकल से धुलवाया और फिर मुकदमा दर्ज कराकर अपने साथ लेकर चली गई। टीम में प्रभारी निरीक्षक उमाशंकर यादव, राजेश यादव, मैनेजर सिंह, हेकां शैलेन्द्र राय, अश्वनी पांडेय, सुमित भारती, विनोद कुमार, कां. अजीत सिंह, आशीष शुक्ला, अजय यादव, सूरज गुप्ता, वीरेन्द्र प्रताप सिंह, विनय कुमार आदि रहे।