गाजीपुर: महज 7 व 9 साल की उम्र में दीवारों में जिंदा चुने गए दोनों साहिबजादों को भाजपा ने दी श्रद्धांजलि, 2 दिनों तक जिले भर में होगी गोष्ठी
गाजीपुर। नगर के छावनी लाइन स्थित भाजपा के जिला कार्यालय पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम व गोष्ठी आयोजित की गई। जिसमें साहस और शौर्य के प्रतीक गुरु गोविन्द सिंह के दोनों पुत्र साहिबजादे 9 साल के जोरावर सिंह और 7 साल के फतेह सिंह के 26 दिसंबर को होने वाले शहादत दिवस के पूर्व उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। बतौर मुख्य वक्ता राज्यसभा सांसद डॉ संगीता बलवंत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार देश के सम्मान, स्वाभिमान, सनातन, सभ्यता व संस्कृति के लिए बलिदान देने वाले अनगिनत शहीदों के गौरवशाली इतिहास को लोगों के मानस पटल पर फिर से स्थापित कर रही है। उन्होंने 14 नवम्बर को मनाए जाने वाले बाल दिवस की प्रासंगिकता पर सवाल उठाते हुए कहा कि धर्म रक्षा के लिए मुगलों की शक्ति को ललकारकर महज 9 व 7 साल की उम्र में अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले साहिबजादे जोरावर सिंह व फतेह सिंह जैसे अबोध आयु के पवित्र शहीदों की शहादत पर पूरे देश को गर्व है। कहा कि ये हमारे के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। पूर्व जिलाध्यक्ष कृष्ण बिहारी राय ने कहा कि जोरावर सिंह व फतेह सिंह की शहादत भारतीय सभ्यता, संस्कृति के साथ की गई भयानक क्रूरता का बड़ा उदाहरण है। कहा कि भारतीय सनातन, सभ्यता, संस्कृति के सर्वधर्म समभाव की जीवन पद्धति का लोहा दुनिया ने माना है। भारत का अतीत बेहद गौरवशाली रहा है। जोरावर सिंह व फतेह सिंह की शहादत ने यह सिद्ध किया है कि लोभ व लालच से देश का सनातनी टूटने वाला नहीं है। कुचक्र चाहे जितना भी हो, देश हित, राष्ट्र हित व समाज हित सनातन व्यवस्था में निहित है। जिलाध्यक्ष सुनील कुमार सिंह ने कहा कि दोनों साहिबजादे जोरावर सिंह व फतेह सिंह की बहादुरी भरी शहादत व उनके गौरवशाली इतिहास से ज्यादा से ज्यादा लोग अवगत हों, इसके लिए 23 व 24 दिसम्बर को दो दिनों तक जिले के सभी मंडलों में विचार गोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। बताया कि 25 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की जयंती को भाजपा बूथ स्तर पर मनाएगी और प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत बनी सड़कों पर पदयात्रा करने के बाद विचार गोष्ठी होगी। इसके पूर्व दोनों शहीदों के चित्र पर पुष्प अर्पित करके उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। इस मौके पर पारसनाथ राय, पूर्व विधायक कालीचरण राजभर, विनोद अग्रवाल, विश्वप्रकाश अकेला, कमलेश प्रकाश सिंह, दयाशंकर पांडेय, अवधेश राजभर, श्यामराज तिवारी, शशिकान्त शर्मा, सम्पूर्णानंद उपाध्याय, रविन्द्रनाथ राय, गुलाम कादिर राईनी, धनेश्वर बिंद, अविनाश सिंह, दुर्गेश सिंह, अनिल पांडेय, नृपेन्द्र उपाध्याय, मयंक जायसवाल, राकेश यादव आदि रहे। संचालन डॉ रजनीश सिंह ने किया।