डेंगू के इन छह लक्षणों में दिखे कुछ तो तत्काल जाएं अस्पताल, राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन





गोरखपुर। छह ऐसे लक्षण हैं जो सामान्यतः डेंगू के मरीज में नजर आते हैं। अगर इन लक्षणों को दिखते ही अस्पताल पहुंच जाएं तो समय से जांच व इलाज से डेंगू ठीक हो जाता है। लक्षणों के प्रति लापरवाही और अपने मन से दवा खाने के कारण ही डेंगू से जटिलताएं बढ़ती हैं। यह जानकारी राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी व बेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम डॉ एके चौधरी ने राजकीय एडी कन्या इंटर कॉलेज में छात्राओं और शिक्षकों के जनजागरूकता कार्यक्रम के दौरान दिया। उन्होंने बताया कि लक्षण दिखने पर जांच के संदेश और बीमारी से बचाव के चार उपायों की जानकारी के साथ जिले भर में सीएमओ डॉ आशुतोष कुमार दूबे के दिशा निर्देशन में विभिन्न जनजागरूकता कार्यक्रमों के आयोजन किये गये। जिला मलेरिया अधिकारी और मलेरिया निरीक्षकों की टीम ने विकास भवन सभागार, भटहट, शाहपुर, जटेपुर, शेषपुर और बसन्तपुर में भी जाकर लोगों को डेंगू के बारे में जागरूक किया। डॉ चौधरी ने बताया कि डेंगू का सबसे सामान्य लक्षण आंखों के पीछे तेज दर्द होना है जो आंखों को घुमाने से और भी बढ़ जाता है। अचानक तेज सिरदर्द व तेज बुखार, मांसपेशियों तथा जोड़ो में दर्द, जी मिचलाना व उल्टी होना, त्वचा पर चकत्ते उभरना और गंभीर स्थिति में नाक, मुंह व मसूड़ों से खून आना डेंगू का लक्षण है। इन लक्षणों के आधार पर जांच व इलाज की सुविधा सभी सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध है। समय से अस्पताल पहुंचने पर भर्ती कराने की भी आवश्यकता नहीं पड़ती और मरीज घर पर आराम करते हुए दवाओं के सेवन से ठीक हो जाता है। जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह ने कार्यक्रम के दौरान डेंगू से बचाव के चार उपायों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कूलर, पानी की टंकी, पक्षियों के पीने के पानी का बर्तन, फ्रिज की बैक ट्रे, फूलदान आदि को हफ्ते में एक बार खाली करके धूप में सुखाएं और तभी प्रयोग करें। नारियल का खोल, टूटे बर्तन व टायरों में पानी जमा न होने दें। घरों के दरवाजे व खिड़कियों में जाली या परदे लगाएं। पूरी बांह के कपड़े, पैर में मोजे पहने और दिन में भी सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। श्री सिंह ने बताया कि डेंगू बीमारी एडिज नामक मच्छर के काटने से होती है। यह मच्छर सामान्यता दिन में काटता है और इसे पनपने के लिए एक चम्मच साफ पानी का ठहराव भी काफी होता है। अगर इन मच्छरों से बचाव किया जाए तो डेंगू का प्रसार भी रोका जा सकता है और समय से इलाज करा कर इसकी जटिलताओं पर भी नियंत्रण किया जा सकता है। अगर गर्भवती, हृदय रोगी, उच्च रक्तचाप रोगी और मधुमेह रोगी में डेंगू के लक्षण दिखें तो और अधिक सतर्कता की आवश्यकता है और ऐसे व्यक्ति का इलाज विशेषज्ञ चिकित्सक की देखरेख में ही होना चाहिए। इस दौरान प्रश्नोत्तरी के जरिये करीब 250 छात्राओं को जागरूक किया गया। सहायक मलेरिया अधिकारी राजेश चौबे, कॉलेज की प्रधानाचार्य किरणमयी तिवारी, शिक्षिका स्नेहलता सिंह, शिखा त्रिपाठी और बिंदेश्वरी पांडेय ने कार्यक्रम में विशेष सहयोग किया ।



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