सिद्धपीठ हथियाराम मठ के कालीधाम में नवरात्रि के दूसरे दिन वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हुआ हवन पूजन
जखनियां। पूर्वांचल में तीर्थ स्थल के रूप में विख्यात सिद्धपीठ हथियाराम मठ की शाखा कालीधाम हरिहरपुर में चल रहे वासंतिक नवरात्र महोत्सव के दूसरे दिन गुरुवार को वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हवन-पूजन हुआ। श्रद्धालु नर नारी पुण्य लाभ की कामना के साथ जहां यज्ञ मंडप की परिक्रमा कर रहे हैं, वहीं गुरु की वन्दना करके आशीर्वाद प्राप्त कर रहे हैं। सिद्धपीठ हथियाराम के 26वें पीठाधिपति महामंडलेश्वर स्वामी भवानीनन्दन यति महाराज के संरक्षकत्व में नवरात्र पर्यंत चलने वाले इस वृहद अनुष्ठान में पुण्य लाभ की कामना के साथ शिष्य श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। लगभग 750 वर्ष प्राचीन सिद्धपीठ हथियाराम की शाखा हरिहरपुर की मां काली खड़बा क्षेत्र के 40 गांवों में रहने वाले लोगों की कुल देवी हैं। माता के दरबार में हाजिरी लगाने के लिए देश के कोने-कोने से शिष्य-श्रद्धालु पहुंचकर श्रद्धाभाव से देवी माता और महामंडलेश्वर की पूजा कर रहे हैं। हरिहरात्मक पूजन के उपरांत प्रवचन करते हुए स्वामी भवानी नन्दन यति ने भगवती दुर्गा की आराधना को सर्वदा फलदायक बताया। कहा कि पूजा-पाठ और संत समागम से जुड़कर ही मानव जीवन की सार्थकता को सिद्ध किया जा सकता है। कहा कि कर्म ही पूजा नहीं, वरन पूजा ही कर्म है, के मूलमंत्र जीवन में आत्मसात करें। दूसरी तरफ कालीधाम में आने वाले भक्तों के लिए भंडारा का आयोजन चल रहा है, जिसमें महाप्रसाद ग्रहण कर श्रद्धालु जयकारा लगाते हुए अपने घरों को लौट रहे हैं। समूचे क्षेत्र का माहौल देवीमय बना हुआ है। इस धाम में विद्यमान दक्षिणमुखी देवी प्रतिमायें अलौकिक और पुण्य फलदायक हैं। यह मंदिर व इसमें स्थापित मां काली की तीन मूर्तियां स्वयं में काफी महत्व रखती हैं। बताते हैं कि सच्चे हृदय से इनका दर्शन करने मात्र से श्रद्धालुओं की सभी मनोकामना पूरी होती है। मन्दिर में विद्यमान तीन प्रतिमाएं मां के तीनों रूपों महासरस्वती, महालक्ष्मी और महाकाली के रूप में हैं, जिनकी पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। उधर सिद्धपीठ हथियाराम स्थित बुढ़िया माता मंदिर पर भी भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। श्रद्धालुओं ने पूजन अर्चन कर मनोकामना पूर्ण होने की कामना की।