गंगा के निर्मल होने का मिला संकेत, पटना गांव के पास एक सप्ताह के अंदर दिखीं दर्जनों गंगा डॉल्फिन





खानपुर। क्षेत्र के पटना गांव के आसपास गंगा नदी में इन दिनों गंगा डॉल्फिन की संख्या में अचानक वृद्धि देखने को मिली है। जो गंगा के पारिस्थिति तंत्र के लिए एक सुखद खबर है। गंगा की जल तरंगों पर दर्जन भर डॉल्फिन मछलियों की अठखेलियां देखने को मिल रही हैं। गंगा नदी में पिछले एक सप्ताह से करीब 50 किलो से लेकर 1.5 कुंतल तक वनज की डॉल्फिन मछलियों की उछलकूद अचानक बढ़ गई है। मौसम अनुकूल होते ही मेहमान साइबेरियन पक्षियों के साथ जलीव जीव डॉल्फिन गंगा में आने लगी हैं। पटना और सादीभादी घाटों के बीच डॉल्फिन देखने के लिए लोगों में कौतूहल बढ़ रहा है और भीड़ जुट रही है। गंगा प्रहरी रविकांत निषाद ने बताया कि गंगा में आमतौर पर दो दर्जन सामान्य मछलियां ही दिखाई देती हैं और गंगा डॉल्फिन कभी कभार दिखती है। लेकिन इधर बीच लगातार एक सप्ताह से डॉल्फिन मछलियां दिखने से लोगों की उत्सुकता बढ़ गई है। स्थानीय भाषा में इसे गंगा सूंस भी कहते हैं। सबसे विशालकाय डॉल्फिन मछली का वजह लगभग डेढ़ कुंतल आंका जा रहा है। मंगलवार को विशालकाय मगरमच्छ दिखाई देने से नाविकों और मछुआरों की सतर्कता और डर बढ़ गई है। सैदपुर के वन रेंजर कुलदीप सिंह ने बताया कि डाल्फिन को राष्ट्रीय जलीव जीव का दर्जा मिला हुआ है। डाल्फिन अक्सर शुद्ध पानी वाले स्थान पर ही मिलती हैं। खुशी की बात है कि इस क्षेत्र में बड़ी-बड़ी डॉल्फिन मछलियों के मिलने की सूचना मिल रही है। डॉल्फिन एक निश्चित स्थान का चयन कर लंबे समय तक वहीं जल प्रवास करती हैं। जल्द ही विभागीय टीम पटना घाट का दौरा कर उसे साइडिंग प्वाइंट बनाने का प्रयास करेगा। जहां जलीय जीव संरक्षण एवं पर्यटन के लिए गंगा के स्वच्छता निर्मलता के साथ किनारों पर आवश्यक दिशा निर्देश पट्टिका के साथ सुंदर व्यवस्था की जाएगी।



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