लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा शादियों व चुनाव का कॉकटेल, कहीं अखिलेश तो कहीं योगी के गीत पर झूम रहे समर्थक
खानपुर। मकर संक्रांति के बाद से ही खरमास खत्म हो चुका है। जिसके बाद से ही शादी विवाह का माहौल चल रहा है। इस तरह के मांगलिक कार्यक्रमों में गीत संगीत का बहुत अधिक महत्व होता है। लेकिन इस समय विधानसभा के चुनावी माहौल का असर इन समारोहों पर भी तेजी से पड़ने लगा है। द्वारचार के लिए बारात निकलते समय और वरमाला के दौरान डीजे फ्लोर पर अपने पसंदीदा राजनीतिक पार्टियों के गानों पर लोग झूमकर नाच रहे है। तिलक, वररक्षा, शादी, सगाई, मुंडन संस्कार आदि कार्यक्रमों में इस समय राजनीतिक गानों के सुर सुनाई पड़ने लगे हैं। सपा, बसपा, भाजपा आदि पार्टियों के गीत बाजारों में गूंज रहे हैं। वहीं बाकी राजनीतिक दलों के गानों का बहुत प्रचार प्रसार अब तक नहीं है। ’जो राम को लाये है, हम उनको लाएंगे’ का गीत शादी समारोहों के अतिरिक्त अब मंदिरों और कथा प्रवचनों में भी गाया व बजाया जा रहा है तो अबकी बार का जनादेश, आएंगे श्री अखिलेश आदि के गीत भी बज रहे हैं। ऐसे में इन कार्यक्रमों में आने वाले दूसरे दलों के समर्थक भी इन गानों का मुस्कुराकर आनंद ले रहे हैं। मांगलिक कार्यक्रमों में डीजे और म्यूजिक वालों को इन गानों की मांग के अनुसार रखना और बजाना पड़ रहा है। डीजे संचालक कहते है कि हर मांगलिक कार्यक्रम में गीत संगीत के बुनियाद पर उत्सवधर्मिता हमारे संस्कार में है और लोगों को चुनावी समयानुकूल यह गाने खूब पसंद आ रहे हैं। हम लोग हर पार्टी के गाने लेकर आते हैं और मांग के अनुसार उसे बजाते हैं।