मुंशी प्रेमचंद स्मृति सम्मान देकर साहित्यकारों को किया सम्मानित, प्रेमचंद को भारत रत्न देने की हुई मांग
गाजीपुर। नगसर के असावं में बुधवार को हिंदी साहित्य के महान लेखक मुंशी प्रेमचंद्र स्मृति संगम एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें बतौर मुख्य अतिथि प्रकाश कुमार श्रीवास्तव गणेश ने सम्मानित किया। अध्यक्षता करते हुए एनटीपीसी के पूर्व डीजीएम कवि रामनरेश ने कहा कि मुंशी प्रेमचंद ने अपनी सरकारी नौकरी छोड़कर मानव समाज के ज्वलंत व जटिल मुद्दों पर करीब 300 कहानियां और 23 उपन्यास लिखकर उन्हें उजागर किया। आज भी अनेकों लोगों द्वारा शोध करने का क्रम जारी है। कहा कि मुंशी प्रेमचंद के समाजहित में इस महान योगदान के लिए उन्हें भारत रत्न दिया जाना चाहिए लेकिन आज तक किसी भी सरकार ने उन्हें वो तवज्जो नहीं दी और न ही पर्याप्त सम्मान दिया। संयोजक व साहित्य भारती के प्रदेश मंत्री कवि इंद्रजीत तिवारी निर्भीक ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि मुंशी प्रेमचंद के लिए अविलंब भारत रत्न की घोषणा की जाए, क्योंकि वो वास्तव में भारत के रत्न हैं। कहाकि वो कलम के जादूगर थे और उन जैसा न तो कोई हुआ और संभवतः न ही कोई होगा। कार्यक्रम में सांस्कृतिक साहित्यिक और विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोगों को मुंशी प्रेमचंद स्मृति सम्मान 2021 से सम्मानित किया गया। इस मौके पर विशिष्ट अतिथि कवि विनोद कुमार, ओमप्रकाश पांडेय निर्भय, पूर्व पुलिस अधिकारी ओमप्रकाश श्रीवास्तव, ग्राम प्रधान प्रकाश तिवारी, जनकदेव राय, इंद्रजीत निर्भीक, रमेश यादव, कृष्णानंद दुबे गोपाल, भोजपुरी गायक सत्येंद्र यादव रिंकू, भजन गायक शिवांश तिवारी आदि रहे। आभार हिंदी साहित्य भारती के काशी प्रांत संयोजक डॉ कृष्ण कुमार सिंह ने ज्ञापित किया।