गाजीपुर : वैश्विक स्तर पर कभी 33 से 4 प्रतिशत रह गई थी भारत की जीडीपी, 2014 के बाद फिर से 15 प्रतिशत पहुंचा योगदान - मनोज सिन्हा
गाजीपुर। नगर के जिला पंचायत सभागार में जिला सहकारी बैंक के एटीएम कार्ड सेवा की सौगात आमजन को दी गई। बतौर मुख्य अतिथि जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बैंक के एटीएम कार्ड को लांच किया। कहा कि आधुनिक जमाने में ई-बैंकिंग की सुविधा बेहद आवश्यक हो गई है। कहा कि अब सहकारी बैंकों को भी उस दिशा में सोचने की आवश्यकता है। कहा कि जिन कारणों से अब तक मुख्य रूप से बैंक घाटे में रहा करते थे, वह कारण जल्द से जल्द समाप्त किया जा सके, ये बेहद आवश्यक है। कहा कि जितना लाभांश अर्जित होगा, बैंक किसान को उतना ही धन देने में व सहकारी समितियों को पुनर्जीवित करने में ये सहयोगी होगा। कहा कि जो लक्ष्य देश के सामने है, उसको प्राप्त करने के लिए हमें फिर से अपनी अर्थव्यवस्था को तेज गति से आगे बढ़ाना होगा। जब तक किसान व कृषि की हालत देश में नहीं बदलेगी, तब तक कोई ताकत हमें विकसित भारत नहीं बना सकती। कहा कि पिछले 10-11 वर्षों में भारत सरकार ने अनेक प्रयास किए हैं, इन प्रयासों को और तेज गति से हमें आगे बढ़ना है। कहा कि सहकारिता एवं सहकारी बैंकों का इसमें बड़ा योगदान होगा। जब तक इनपुट क्रेडिट किसान को नहीं मिलेगा, तब तक सस्ती दर पर खेती करने के लिए किसान को धन नहीं मिलेगा और किसान की तब तक खेती अच्छी नहीं होगी। इसमें सहकारी बैंक की बड़ी भूमिका है। मनोज सिन्हा ने बैंक अध्यक्ष और प्रबंधन की मुक्त कंठ से प्रसंशा करते हुए कहा कि बैंक को मजबूत बनाने में इन लोगों ने अथक प्रयास किया है। कहा कि सहकारिता के क्षेत्र के कारण ग्रामीण भारत को विकास की जो गति मिलनी चाहिए थी, किन्हीं कारणों से कुछ वर्षों तक वह अवरूद्ध हो गई थी। देश के दूसरे राज्यों को जब हम देखते हैं तो यह समझ में आता है कि सहकारिता के कारण कृषि के लिए उपलब्ध कराया जाने वाला धन, खास तौर से किसानों के लिए बड़ी मात्रा में राज्यों को मिलता था। अनुपात के तौर पर देश के बाकी हिस्सों से पूर्वी उत्तर प्रदेश और जब गाज़ीपुर की तुलना हम करते हैं तो वह धनराशि बहुत सीमित थी। कहा कि लंबे समय तक घाटे में चलने वाला सहकारी बैंक आज लाभ अर्जित कर रहा है, यह हम सबके लिए प्रसन्नता का विषय है। इसके लिए अध्यक्ष एवं निदेशक मंडल का कृतज्ञता ज्ञापित करता हूं। कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार सहकारिता मंत्रालय बनाया और अमित शाह ने एक नया प्रयत्न सहकारिता के क्षेत्र में शुरू किया। कहा कि जितने पैक्स हैं, प्राथमिक समितियां हैं, उन्हें आर्थिक रूप से कैसे पुनर्जीवित किया जा सके, सहकारी बैंकों को कैसे पुनर्जीवन मिल सके, इस दिशा में पूरे देश में सहकारिता को लेकर एक नया दृष्टिकोण सामने रखा है। कहा कि डेढ़ लाख से ज्यादा नई समितियां देश में फिर से बनाई गई हैं। जो लक्ष्य रखा गया है, सही दिशा में भारत आगे बढ़ रहा है। कहा कि एक समय था जब दुनिया की व्यवस्था में हमारे देश का योगदान किसी अन्य देश से ज्यादा होता था। कहा कि 11वीं शताब्दी के आसपास विश्व की अर्थव्यवस्था में भारत का योगदान 33 प्रतिशत से ज्यादा हुआ करता था। आज जो दुनिया के विकसित देश माने जाते हैं, उनका योगदान हमारी तुलना में बहुत कम हुआ करता था। लेकिन कहा कि 15वीं शताब्दी आते-आते हमारा योगदान घटकर 25 प्रतिशत हो गया। फिर आक्रांताओं का दौर आया, विदेशी आक्रांता आए और भारत से धन, यश, वैभव सब कुछ लूटकर ले गए। जिसके कारण हमारी अर्थव्यवस्था खराब हुई और जब देश हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्षों के कारण 1947 में आजाद हुआ, तब 1950 में जो सर्वेक्षण किया गया, उसमें स्थिति इतनी खराब हो गई थी कि कभी 33 प्रतिशत तक का योगदान देने की जगह नई जीडीपी में हमारा हिस्सा सिर्फ 4 प्रतिशत तक रह गया था। कहा कि जब-जब विभाजनकारी शक्तियों ने या आक्रांताओं ने देश को गुलाम बनाया, हम आर्थिक रूप से विपन्न हो गए। लेकिन 2014 में इतिहास ने फिर से करवट बदली और चक्र घूम गया। कहा कि 2014 व और 2023 में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने जो सर्वेक्षण किया है, उसके हिसाब से दुनिया के अर्थव्यवस्था में हमारा योगदान 15 प्रतिशत हो गया है। इसके बाद उपराज्यपाल व मंचासीन अतिथियों ने एटीएम कार्ड का अनावरण करके लोकार्पण किया। इस मौके पर राज्यसभा सांसद डॉ संगीता बलवंत, भाजपा जिलाध्यक्ष सुनील सिंह, भानुप्रताप सिंह, कृष्ण बिहारी राय, पूर्व विधायक वीरेन्द्र सिंह, विजय शंकर राय, उप सभापति अच्छेलाल गुप्ता, सरिता अग्रवाल, शशिकांत शर्मा, दयाशंकर पांडेय, डॉ शोभनाथ यादव, कैलाश चंद्र, अंसल कुमार आदि रहे। संचालन प्रवीण कुमार सिंह ने किया। आभार जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष सरोजेश सिंह ने ज्ञापित किया।