शहर की 10 मलिन बस्तियों में शुरू किया गया जागरूकता अभियान, लोगों को एड्स के प्रति किया जा रहा जागरूक





गोरखपुर। ‘एक महीने से अधिक लगातार बुखार आना, तेजी से वजन घटना और एक महीने से अधिक दस्त आना एड्स के लक्षण हैं। इनके अलावा लगातार खांसी, चर्म रोग, मुंह एवं गले में छाले होना, लगातार सर्दी एवं जुकाम, लसिका ग्रंथियों में सूजन व गिल्टी होना, याद्दाश्त खोना, मानसिक क्षमता कम होना और शारीरिक शक्ति का कम होना एड्स के सामान्य लक्षणों में शामिल है। अगर किसी को भी यह लक्षण दिखे तो तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जांच कराएं।’ इन संदेशों के साथ शहर की दस मलिन बस्तियों के लोगों को एड्स के प्रति जागरूक किया जा रहा है। जिला एड्स नियंत्रण अधिकारी डॉ गणेश यादव के निर्देश पर एलईडी वैन के जरिये 19 सितम्बर तक जनजागरूकता का यह कार्यक्रम प्रस्तावित है। बताया कि एलईडी वैन के साथ प्रत्येक कार्यदिवस पर कार्यक्रम से जुड़े काउंसलर्स की ड्यूटी लगाई गई है। यह वैन अमरुद बाग, बड़ा महेवा, छोटा महेवा, मलिन बस्ती, मंशा बाग, रामलीला मैदान, दरिया चक, सिधारीपुर और बसंतपुर सराय के लोगों के बीच एचआईवी और एड्स के प्रति जागरूकता के संदेश प्रसारित कर रही है। वैन के जरिये लोगों को इस बीमारी से संबंधित छोटी सी फिल्म भी दिखाई जा रही है। मंगलवार को इस वैन को उन्होंने हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। एलईडी वैन से प्रचार प्रसार के अतिरिक्त संबंधित स्टॉफ भी लोगों को संदेश दे रहे हैं कि एचआईवी संक्रमण की आखिरी अवस्था को एक्वायर्ड इम्युनो डिफिशियंसी सिंड्रोम (एड्स) कहते हैं। यह ऐसी अवस्था है जिसमें एचआईवी के साथ कई अन्य बीमारियों के लक्षण दिखने लगते हैं। इस अवस्था में मनुष्य बीमारियों से लड़ने की ताकत पूरी तरह से खो देता है। एड्स एक लाइलाज बीमारी है। पूर्ण और सही जानकारी ही इसका एक मात्र उपचार है। एचआईवी की समय से पहचान कर एंट्री रेट्रो वायरल ट्रीटमेंट (एआरटी) औषधियों का सेवन किया जाए तो मरीज अच्छा, लम्बा और स्वस्थ जीवन जी सकता है। बताया कि गोरखपुर में इस समय एड्स के 5646 मरीज हैं। इनमें से 52 मरीज ऐसे हैं, जिन्हें एड्स के साथ साथ टीबी भी है। स्वास्थ्य विभाग प्रत्येक टीबी मरीज की एचआईवी जांच और प्रत्येक एचआईवी मरीज की टीबी जांच अवश्य करवाता है। इन दोनों बीमारियों से संक्रमित मरीज की समय से जांच और देखभाल नितांत जरूरी है। थोड़ी सी लापरवाही ऐसे मरीजों की जटिलताएं बढ़ा सकती है। एलईडी वैन के संचालन में डॉ विराट स्वरूप श्रीवास्तव, डॉ सुनील सिंह, टीबी एचआईवी कोआर्डिनेटर राजेश सिंह, पीपीएम समन्वयक अभय नारायण मिश्रा, मिर्जा आफताब बेग, अर्चना श्रीवास्तव, सिद्धार्थ राय, ममता सिंह, कविता तिवारी, विवेकानंद मिश्र, टीआई अशोक सिंह, विजय कांत त्रिपाठी आदि जुटे हुए हैं।



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