2025 तक टीबी रोग से मुक्त होगा भारत, टीबी रोगियों की पहचान के लिए घर घर जाएंगी 111 टीमें





ग़ाज़ीपुर। भारत को 2025 तक टीबी रोग से मुक्त करने के लक्ष्य के साथ जिला क्षय रोग विभाग द्वारा एक बार फिर से टीबी सक्रिय रोगी खोज अभियान शुरू किया जाएगा। यह अभियान 10 से 22 जून तक चौथे चरण के रूप में चलाया जाएगा जिसमें कुल 111 टीमें गठित कर ट्रेनिंग शुरू कर दी गई है। इसी के बाबत गुरूवार को कासिमाबाद स्थित टीबी केंद्र और जिला क्षय रोग कार्यालय में आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया गया। जिला क्षयरोग अधिकारी डॉ राजेश सिंह ने बताया कि हर बार की तरह इस बार भी टीमें घर में मौजूद सभी सदस्यों से टीबी के लक्षणों के बारे जानकारी देंगी और साथ ही ऐसे व्यक्तियों के बलगम की जांच करेगी जिन्हे दो हफ्ते से अधिक खांसी आ रही हो। बताया कि घर के हर सदस्य से बात करने का निर्णय इसलिए लिया गया ताकि कोई व्यक्ति छूटने न पाये। उन्होंने बताया कि टीबी का एक मरीज 10 से 15 लोगों को संक्रमित कर देता है, इसलिए टीबी के मरीज के जल्दी पहचान होने के बाद तत्काल उपचार शुरू होना जरूरी है। इस कड़ी में यदि एक भी मरीज पहचान हुए बिना रह गया तो यह कड़ी टूट जाएगी। बताया कि सघन टीबी खोज अभियान के लिए 111 टीमों तैनात की गईं है जिसके लिए 22 सुपरवाइजर नियुक्त किए गए हैं। इसके साथ ही जनपद के 8 मेडिकल ऑफिसर को नोडल अधिकारी के रूप में इस पूरे अभियान पर नजर रखने के लिए तैनात किया गया है।



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