शेरपुर के अष्ट शहीदों पर रचित खंडकाव्य का दिल्ली के विश्व पुस्तक मेले में हुआ लोकार्पण, भारत को आजाद कराने के लिए एक साथ दी थी कुर्बानी
ग़ाज़ीपुर। नई दिल्ली के प्रगति मैदान में लगे विश्व पुस्तक मेला में संजीव कुमार त्यागी द्वारा रचित खण्डकाव्य ’अष्ट बलिदानी’ का लोकार्पण सर्व भाषा ट्रस्ट प्रकाशन के स्टॉल पर किया गया। ये खंड काव्य मुहम्मदाबाद के अष्ट शहीदों पर आधारित है। लोकार्पण करते हुए मुख्य अतिथि अवधेश कुमार ने बताया कि मुहम्मदाबाद के शेरपुर के सपूतों की शहादत बेमिसाल है। ऐसा उदाहरण पूरे विश्व में नहीं मिलेगा, जहां एक ही गांव शेरपुर के 8 नौजवानों ने देश को आजाद कराने के लिए हंसते हुए एक साथ अपनी शहादत दे दी हो। शहीदों ने अपनी कुर्बानी देकर देश को आजाद कराया और उनकी इसी वीर गाथा का वर्णन पुस्तक में किया गया है। कहा कि भविष्य में ये किताब लोगों के बहुत काम आएगी। कहा कि संजीव त्यागी ने ’अष्ट बलिदानी’ खण्डकाव्य की रचना करके एक ऐसी बेहद लंबी लकीर खींच दी है, जिसे पार करना बेहद मुश्किल होगा। कहा कि ये किताब लेखक के सतत शोध, साधना व क्रांतिकारियों के प्रति उनकी असीम कृतज्ञता के भाव से पूरी हो सकी। इस दौरान लेखक संजीव त्यागी ने बताया कि देश को आजाद कराने के लिए आजादी के जुनूनी शेरपुर के 8 नौजवानों ने मुहम्मदाबाद तहसील भवन पर तिरंगा फहराते हुए 18 अगस्त 1942 को अपने प्राणों की आहुति दे दी। उनके साथ 99 युवा स्वतंत्रता सेनानी भी रहे। बाद में 3 अन्य युवाओं ने भी अपनी शहादत दी। इसके बाद अंग्रेजों द्वारा गांव पर सामूहिक अर्थदंड लगाकर जबदस्ती वसूली की गई। इसके बाद ऐसी क्रांति शुरू हुई, जिसे शेरपुर (मुहम्मदाबाद) की क्रांति के नाम से जाना जाता है। इस क्रांति गाथा को खण्डकाव्य में विस्तार से लिखा गया है। इस मौके पर पवन विजय, आईपीएस राजेश मिश्र, इंद्रजीत सिंह सेंगर, शिव प्रकाश साहित्य, राकेश पांडेय, विवेक राय, शोभित निरंजन, अनुराग पांडेय, चंदन राय, शेखर कुमार, शालिनी जायसवाल, किरन राय, अनुपमा राय, शिवांगी निरंजन, रजनीश राय, आशीष राय आदि रहे। गोपाल राय ने आभार ज्ञापित किया।