जखनियां के होम्योपैथिक व आयुर्वेद चिकित्सालय के भवन हुए पूरी तरह से जर्जर, लोगों के लिए साबित हो रहा सफेद हाथी





जखनियां। स्थानीय कस्बा स्थित राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय व आयुर्वेद चिकित्सालय का भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। इसी भवन में दो दशक से भी अधिक समय से ये अस्पताल चल रहे हैं और कभी भी बड़ी घटना का कारण बन सकते हैं। यहां पर चिकित्सा के नाम पर मरीजों के साथ खानापूर्ति की जाती है। होमियोपैथी चिकित्सालय में एक चिकित्सक व एक चौकीदार की नियुक्ति है। दवाएं भी सीमित मात्रा में मिलने के चलते मरीजों की संख्या भी न के ही बराबर होती है। जर्जर चिकित्सा भवन में दरवाजे खिड़कियां पूरी तरह से टूटे हुए हैं। जमीन के फर्श उखड़े पड़े हैं। वहीं बरसात होने पर छत भी टपकने लगता है। शासन की मंशा के अनुसार होम्योपैथिक व आयुर्वेद विधि से इलाज के लिए दोनों राजकीय चिकित्सालयों को एक ही स्थान पर खोलकर व्यवस्था तो की गई, लेकिन किसी भी पद्धति का लाभ क्षेत्रीय जनता को नहीं मिल रहा। भवन काफी जर्जर होने के कारण चिकित्सक भी यहां बैठना नहीं चाहते। तेज बरसात होने पर जल निकासी तक की व्यवस्था न हो पाती और पानी व कीचड़ परिसर में भर जाता है। मरीज व कर्मचारियों के लिए चिकित्सालय परिसर में शौचालय व पेयजल तक की सुविधा नहीं है। महिला मरीजों व तैनात कर्मचारियों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।



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