तो क्या सवर्ण होने का अभिशाप झेल रहा ये पिता? दिव्यांग बेटी को लेकर शौचालय में रहने को है विवश, पीएम मोदी व सीएम योगी का दावा हो रहा फ्लॉप



बिंदेश्वरी सिंह की खास खबर



खानपुर। क्षेत्र के नेवादा गांव निवासी अरविंद सिंह अपनी 7 वर्षीय दिव्यांग बिटिया को लेकर बीते तीन साल से किसी सरकारी मदद के अभाव में विवश होकर शौचालय में रहने को विवश हैं। जिसके चलते हर किसी को पक्का घर देने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दावा यहां फेल दिख रहा है। अधिकारी भी इस मामले में कोई रूचि नहीं ले रहे हैं। पीड़ित अरविंद का कहना है कि वो सवर्ण होने का दंश झेल रहे हैं। इस मामले में एसडीएम स्तर से कई बार संबंधित अधिकारियों को जांच पड़ताल कर आवास आवंटन के लिए कहा गया, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी अपनी खानापूर्ति कर मामले को टालते रहे हैं। चार साल पहले तत्कालीन ग्राम प्रधान द्वारा गरीब और असहाय अरविंद सिंह को एक शौचालय और एक रिहायशी आवास आवंटन के लिए शासन को पत्र लिखा गया। लेकिन संबंधित अधिकारियों ने उन्हें सवर्ण जाति का होने के कारण उन्हें सक्षम मानते हुए प्रतीक्षा सूची से बाहर निकालकर उन्हें प्रधानमंत्री आवास देने से आज तक वंचित रखा है। जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा उन्हें अन्य सूची में डालकर कागजी कोरम के लिए बीते 3 साल से ब्लॉक से लेकर तहसील और जिला मुख्यालय तक दौड़ाया जा रहा है। गरीब मजदूरी करने वाले अरविंद सिंह की पत्नी का पांच वर्ष पूर्व देहांत होने के बाद उनके पास एक 7 साल की मानसिक बीमार बच्ची के सिवाय कोई नहीं है। आवास के अभाव में बिना दरवाजे के शौचालय में रहना उनकी जैसे नियति बन गई है और कहीं जाने की स्थिति में बेटी को खतरे से बचाने के लिए उसे रस्सियों से बांधकर जाना पड़ता है। बेटी की सुरक्षा व देखभाल के कारण बाहर जाकर वो मेहनत-मजदूरी भी नहीं कर पाते हैं।



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