परिनिर्वाण दिवस पर श्रद्धापूर्वक याद किए गए स्वामी सहजानंद सरस्वती, लोगों ने की रास्ते पर चलने की अपील
दुल्लहपुर। किसान आंदोलन के प्रणेता एवं भारतीय किसान संघ के पहले अध्यक्ष परमहंस दंडी स्वामी सहजानंद सरस्वती का परिनिर्वाण दिवस दुल्लहपुर तथा उनके निवास स्थान देवा में धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम के आयोजक भाजपा नेता अनिल पांडेय के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में लोग सुबह 10 बजे स्वामी सहजानंद सरस्वती की दुल्लहपुर स्टेशन के पीछे स्थापित प्रतिमा पर पहुंचे और सफाई करते हुए वहां श्रद्धांजलि दी। पूर्व व्यापार मंडल अध्यक्ष राजेश मद्धेशिया द्वारा सभी में मास्क वितरित किया गया। आयोजक अनिल पांडेय ने कहा कि योग बैरागी और वेदांत के साथ स्वामी सहजानंद सरस्वती काल पुरूष थे। महात्मा गांधी की दांडी यात्रा के समय महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले स्वामी सहजानंद सरस्वती ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से मिलकर किसानों की समस्या को बुलंदी के साथ रखा। कहा कि स्वामी सहजानंद सरस्वती ने अपना कर्मस्थल बिहार के बिहटा में बनाया, जहां बड़ा आश्रम और शोध संस्थान भी स्थापित है। कहा कि स्वामी जी लिखित किसान की पीड़ा पर कई पुस्तकें प्रकाशित हैं। उन्होंने कहा था कि मैंने भगवान को जंगलों, पहाड़ों में ढूंढा लेकिन वास्तव में भगवान भारत के किसानों के हृदय में निवास करते हैं। कहा कि एक तरह से किसान ही हमारा भगवान है। कहा कि देवां में जन्मे स्वामी जी बाल्य काल से ही कुशाग्र बुद्धि के थे। जलालाबाद के जूनियर हाईस्कूल की परीक्षा टॉप करने के पश्चात हाईस्कूल की परीक्षा में प्रथम स्थान लाने वाले परिव्राजक सन्यासी ने किसानों की लड़ाई में अपनी पूरी जिंदगी आहूत कर दिया। इके पश्चात सभी ने स्वामी जी के जीवन आदर्शों पर चलने की बात कही। इस मौके पर स्वामी वीरभद्र राय, वशिष्ठ मुनि पांडेय, ग्राम प्रधान हरिओम मद्धेशिया, प्रतिनिधि दीपक चौरसिया, रामप्यारे, अभिषेक चौबे, मंजीत मद्धेशिया, सुनील दुबे, रामजी वर्मा, रामानंद, रामविलास चौहान आदि रहे। अध्यक्षता दंडी स्वामी अनंतानंद सरस्वती ने किया।