कृषि कानूनों व केंद्रीय बिजली विधेयक के विरोध में हुआ विरोध प्रदर्शन, संयुक्त किसान मोर्चा ने तहसीलदार को सौंपा पत्रक





जखनियां। संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय आह्वान पर शनिवार को कृषि बचाओ, लोकतंत्र बचाओ दिवस का आयोजन कर कस्बा स्थित पार्टी कार्यालय समेत जिले भर में जगह-जगह प्रदर्शन किए गए। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों को काला कानून बताते हुए उनके खिलाफ चल रहे किसानों के आन्दोलन को समर्थन दिया। इस दौरान कार्यकर्ताओं द्वारा कानूनों के साथ ही केन्द्रीय बिजली विधेयक को निरस्त करने, एमएसपी की गारंटी देने आदि पर कानून बनाने की मांग की। कस्बे में धरने को संबोधित करते हुए महासभा के जिलाध्यक्ष गुलाब सिंह ने कहा कि केन्द्र सरकार अंग्रेजों वाली भूमिका में है। कहा कि आंदोलन को बदनाम करने के लिए ओछे हथकंडे अपना रही है। कहा कि अब खेती बचाओ, लोकतंत्र बचाओ के नए नारे के साथ संघर्ष होगा। भाकपा (माले) के जिला सचिव रामप्यारे राम ने कहा कि 2014 में सत्ता में आने से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने व फसल लागत का डेढ़गुना कीमत देने का वादा किया था। एमएसपी जारी रहेगा, की घोषणा करने वाली मोदी सरकार अब एमएसपी की गारंटी के लिए कानून बनाने से पीछे हट रही है। कहा कि लूट खुलेआम जारी है। सरकार और जिला प्रशासन मूक दर्शक बने हुए हैं। कहा कि जब तक किसानों को लाभकारी मूल्य की गारंटी नहीं मिल जाती, आंदोलन जारी रहेगा। इसके पश्चात उन्होंने राष्ट्रपति को संबोधित रोषपत्र नायब तहसीलदार को सौंपा। इस मौके पर उजागिर राम, रामवृक्ष मौर्य, लालबहादुर बागी, अंगद विश्वकर्मा, योगेन्द्र भारती, प्रमोद कुशवाहा, मनोज कुशवाहा आदि रहे।



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